बहुत दिनों बाद ऐसी सुंदर फुटबॉल देखने को मिली। कहीं किसी तरह का फालतू टकराव नहीं। नतीजा ये हुआ कि फ्री-किक बहुत कम देखने को मिली। आखिर नीदरलेंड ने विजय पायी। पहला गोल नीदरलेंड ने शानदार फील्ड किक से किया तो पहले हाफ के उत्तरार्ध में यही कारनामा उरुग्वे के फोरलेन ने कर दिखाया। दूसरे हाफ के आरंभ में खेल 1-1 की बराबरी पर था।
दूसरे हाफ में जो दो चमत्कारी गोल नीदरलेंड की ओर से हुए उन्हों ने नीदरलेंड को 1974 और 1978 के बाद तीसरी बार फाइनल की राह दिखा दी। लेकिन उरुग्वे ने आखिर तक अपना खेल खेला और अंतिम क्षणों में एक गोल दाग कर नीदरलेंड की जीत के अंतर को 3-2 तक सीमित कर दिया। अब उरुग्वे को तीसरे स्थान के लिए आज दूसरे सेमीफाइनल में हारने वाली टीम से खेलना होगा।
नीदरलैंड के लिए कप्तान जियोवानी वान ब्रोर्कोस्ट ( 18वें मिनट ), वेस्ले श्नाइडर ( 70वें ) और अर्जेन रोबेन ( 73वें मिनट ) ने गोल किए।
उरुग्वे ने अपनी ओर से कोशिश कम नहीं की लेकिन उसकी ओर से कप्तान डियगो फोरलैन (40वें मिनट)और मैक्सिमिलियानो परेरा (90 मिनट, इंजुरी टाइम) केवल दो ही गोल कर पाए।
नीदरलैंड के लिए कप्तान जियोवानी वान ब्रोर्कोस्ट ( 18वें मिनट ), वेस्ले श्नाइडर ( 70वें ) और अर्जेन रोबेन ( 73वें मिनट ) ने गोल किए।
उरुग्वे ने अपनी ओर से कोशिश कम नहीं की लेकिन उसकी ओर से कप्तान डियगो फोरलैन (40वें मिनट)और मैक्सिमिलियानो परेरा (90 मिनट, इंजुरी टाइम) केवल दो ही गोल कर पाए।
दोनों ही टीमों ने शानदार और साफ सुथरी फुटबॉल खेली। मैच की सांख्यिकी इस बात की गवाह है ....
नीदरलैंड की ओर से दूसरा गोल करने वाला माथा दिखाते खिलाड़ी |
- गोल की तरफ उरुग्वे ने 12 निशाने लगाए तो नीदरलेंड उस से एक कम केवल 11
- लक्ष्य से बाहर उरुग्वे ने 6 निशाने लगाए तो नीदरलेंड ने उस से दो कम केवल 4
- लक्ष्य पर उरुग्वे ने 6 निशाने साधे तो नीदरलेंड ने उस से एक अधिक 7 निशाने
- उरुग्वे ने 15 फाउल खेले तो नीदरलेंड ने उस से एक अधिक कुल 16
- उरुग्वे ने 47 % समय गेंद को अपने कब्जे में रखा तो 53% समय में नीदरलेंड ने
- उरुग्वे के खिलाड़ी 4 बार ऑफसाइड हुए तो नीदरलेंड के खिलाड़ी 5 बार
- उरुग्वे को कॉर्नर मिले 4 तो नीदरलेंड को कॉर्नर मिले 5
- पीले कार्ड उरग्वे को 2 बार दिखाए गए तो नीदरलेंड को तीन बार
- लाल कार्ड दिखाने की नौबत नहीं आई
गोल की ओर हैडर मारते नीदरलैंड का खिलाड़ी |
कुल मिला कर खेलने के मामले में उरुग्वे ने भी निराश नहीं किया। लेकिन इस के साथ ही अंतिम दक्षिण अमरीकी टीम फाइनल की दौड़ से बाहर हो गई। फुटबॉल विश्वकप 2010 यूरोप में जाना तय हो गया।
आज रात भारतीय समय के अनुसार फिर एक शानदार मुकाबला देखने को मिलेगा, जर्मनी और स्पेन के बीच। लेकिन जैसी संभावना है वह इतना साफ सुथरा शायद ही रहे जितना कल का मुकाबला था। हाँ खेल में आज की अपेक्षा अधिक तेजी देखने को मिलेगी।