@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Yatra+Oney=swap'); अनवरत: चार कदम सूरज की ओर

बुधवार, 16 दिसंबर 2009

चार कदम सूरज की ओर

आज कल व्यस्तता के कारण स्वयं कुछ लिख पाने में असमर्थ रहा हूँ। लेकिन इस असमर्थता का लाभ यह हुआ है कि  मैं शिवराम जी की कविताएँ आप के सामने प्रस्तुत कर पा रहा हूँ। उन के सद्य प्रकाशित तीन काव्य संग्रहों में से एक कुछ तो हाथ गहों से एक गीत आप के पठन के लिए बिना किसी भूमिका के प्रस्तुत है .....

चार कदम सूरज की ओर
  • शिवराम
चोरी लूट ठगी अपराध
आपाधापी भीतरघात
भ्रष्टाचार और बेकारी
चारों ओर है मारामारी

महंगाई का ओर न छोर
चार कदम सूरज की ओर

ऐसे उदार रघुराई
कुतिया चौके में घुस आई
इतने खोले चौपट द्वार
हुए पराए निज घर-बार

बर्बादी में उन्नति शोर 
चार कदम सूरज की ओर

कर्ज के पैसे जेब में चार 
कैसे इतराते सरकार
उछले जाति धर्म के नारे
नेता बन गए गुण्डे सारे

धुआँ धुआँ सांझ और भोर
चार कदम सूरज की ओर

भावी पीढ़ी को उपहार
सेक्स, नशा और व्यभिचार
आजादी को रख कर गिरवी
भाषण देते तन कर प्रभुजी

जैसे चोर मचाए शोर
चार कदम सूरज की ओर।

11 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

बहुत जीवंत विवरण -सचमुच यही स्थिति है चारो ओर !

Udan Tashtari ने कहा…

भई शिवराम जी तो दिलो दिमाग पर सवार से हो गये हैं हमारे.

विष्णु बैरागी ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर गीत। नुक्‍कड नाटकों में इसका अच्‍छा उपयोग हो सकेगा।

उम्मतें ने कहा…

विष्णु बैरागी से सहमत !

mehek ने कहा…

aisi hi sthiti hai aaj kal,bahut achhi lagi rachana.

Khushdeep Sehgal ने कहा…

सूरज ज़रा, आ पास आ,
आज सपनों की रोटी बनाएंगे हम.
ए आसमां मेहरबां तू बड़ा,
आज तुझको भी दावत खिलाएंगे हम...

जय हिंद...

Ashok Kumar pandey ने कहा…

वाह
शानदार गीत
बधाई

गौतम राजऋषि ने कहा…

ऊपर विष्णु जी की टिप्पणी से पूर्णतया सहमत

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

@ विष्णु जी,अली जी और गौतम राजऋषि जी...
शिवराम जी हिन्दी के मौजूदा शीर्षस्थ नाटककारों में से एक हैं। नुक्कड़ नाटकों को उन का विशेष योगदान है। उन्हें कुछ समीक्षक हिन्दी के प्रथम नाटककार के रूप में भी पहचानते हैं। यह गीत वस्तुतः नुक्कड़ नाटक के लिए ही लिखा गया था। इस संग्रह में उन की ऐसी बहुत रचनाएँ हैं।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सुंदर और सटीक चित्रण. आभार.

रामराम.

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत सुन्दर गीत है। शिवराम जी को बधाई आपका धन्यवाद