@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Yatra+Oney=swap'); अनवरत: यात्रा में भूली, अनवरत की दूसरी वर्षगाँठ

सोमवार, 23 नवंबर 2009

यात्रा में भूली, अनवरत की दूसरी वर्षगाँठ


पिछला सप्ताह पूरा यात्रा में गुजरा। यूँ तो कोटा में 29 अगस्त से वकीलों ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया हुआ है। कहा जा सकता है कि मैं भी पूरी तरह फुरसत में हूँ। लेकिन यह केवल कहे जाने वाली बात है। वास्तविकता कुछ और ही है। जब वकील अदालत से बाहर होते हैं तो उन के किसी मुकदमे में उस मुवक्किल को जिस की वे पैरवी कर रहे हैं किसी तरह का स्थाई नुकसान न उठाना पड़े, इस की जिम्मेदारी वकील पर आ पड़ती है।  इस के लिए वकील का रोज अदालत परिसर तक जाना और मुकदमों को अदालत में न जाकर भी नियंत्रित करना जरूरी हो जाता है। सामान्य परिस्थितियों में मुकदमे की पैरवी की वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है लेकिन ऐसे में अपना मुख्यालय छोड़ पाना दुष्कर हो जाता है। इस कारण से मेराअगस्त के अंत से कोटा में ही रहना हुआ। इस बीच मुंबई में अनिता कुमार-विनोद जी के पुत्र के विवाह में जाने की तैयारी अवश्य थी लेकिन उसी समय बेटे को बाहर जाना था सो मुम्बई का टिकट रद्द करवाना पड़ा।  



विगत फरवरी में बेटी पूर्वा ने बल्लभगढ़ (फरीदाबाद) में अपने नए काम पर पद  भार संभाला था। उसे वहाँ छोड़ने गए तो उस के लिए आवास की व्यवस्था की जिस में फरीदाबाद के साथी ब्लागर अरुण जी अरोरा और उन की पत्नी मंजू भाभी ने महति भूमिका अदा की थी। हम चार दिन उन्हीं के मेहमान रहे। अरुण जी के सौजन्य से ही ब्लागवाणी के कार्यालय में मैथिली जी, सिरिल, अविनाश वाचस्पति जी,  आलोक पुराणिक जी और ....... से भेंट हुई थी। पखवाड़े भर बाद जब पूर्वा को एक बार देखने वापस फरीदाबाद जाना हुआ तो अरुण  जी के अतिरिक्त किसी से मिलना नहीं हो सका और किसी भी तरह तीसरी बार उधर का रुख भी नहीं हो सका। पूर्वा अवश्य माह डेढ़ माह में कोटा आती रही। बहुत दिन हो जाने के कारण एक बार पूर्वा के पास जाना ही था। पहले 7 नवम्बर जाना तय हुआ, लेकिन जोधपुर के एक मुवक्किल ने दबाव बनाया उन का काम तुरंत जरूरी है और जोधपुर जाना हो सकता है। यह कार्यक्रम निरस्त हुआ। लेकिन जोधपुर यात्रा भी टल गई। फिर 14-15 नवम्बर को फरीदाबाद जाना तय हुआ। तभी खबर मिली कि पाबला जी भी उन्हीं दिनों दिल्ली आ रहे हैं। सुसंयोग देख कर मैं ने पत्नी शोभा के वहाँ तीन रात्रि रुकने का कार्यक्रम तय कर लिया। इस बहाने दो -दिन एक रात दिल्ली रुकना हुआ और वहीं अनेक ब्लागर साथियों से भेंट हुई जिस का विवरण आप को पाबला जी, अजय कुमार झा और खुशदीप सहगल जी से आप को मिल चुका है और मिलता रहेगा।

दिल्ली में ही मुझे पुनः जोधपुर पहुँचने का संदेश मिला तो मैं 17 की शाम कोटा पहुँच कर 18 की रात ही जोधपुर के लिए लद लिया। दो दिनों में जोधपुर का काम निपटा कर वापस कोटा पहुँचा। दोनों ओर की यात्रा बस से हुई उस ने जो कष्ट और आनंद दिया वह निराला था। 21 नवम्बर की सुबह कोटा पहुँचा तो हालत यह थी कि दिन भर सोता रहूँ। लेकिन सप्ताह भर की अनुपस्थिति ने अदालत जाने को विवश किया। शाम हालत यह थी कि न खुद का पता था, न दुनिया का। पर ब्लागरी ऐसी चीज हो गई कि उस दिन भी अनवरत और तीसरा खंबा पर एक एक आलेख पेल ही दिए। आज शामं अचानक ध्यान आया कि अनवरत की वर्षगांठ इन्हीं दिनों होनी चाहिए। देखा तो पता लगा कि अनवरत का जन्मदिन 20 नवम्बर को ही निकल चुका है।
ब देर से ही सही हम अनवरत की दूसरी वर्षगाँठ को स्मरण किए लेते हैं। 20 नवम्बर 2007 को आरंभ हुआ अनवरत दो वर्ष पूरे कर चुका है, .यह आलेख इस का 370वाँ आलेख है और 41000 से अधिक चटके इस पर लोग लगा चुके हैं।

अनवरत का पहला आलेख



आप सब के आशीर्वाद और स्नेह की आकांक्षा के साथ ......

21 टिप्‍पणियां:

बवाल ने कहा…

हमारी तरफ़ से भी हमारे प्यारे अनवरत को बहुत बहुत बधाई, सर। ये अनवरत आप जैसे गुरु का शुभाशीर्वाद है हम सब पर। मालिक करे जैसा इसका नाम है वैसा ही ये काम लगातार करता रहे।
प्रणाम।

बेनामी ने कहा…

यह लीजिए...
अभी बस दो ही वर्ष हुए हैं...
हमें तो ऐसा लगता है कि आप यहां सदियों से हैं...
धूनी रमाए हुए...

इतने कम समय में...एक बहुत ही लंबी यात्रा तय कर चुके हैं आप...

बहुत बधाइयां....

बेनामी ने कहा…

देर हुई तो क्या हुआ!
आपको बहुत बहुत बधाई अनवरत के दो वर्ष पूरे होने पर्।
यह सिलसिला अनवरत चलता रहे, शुभकामनाएँ

बी एस पाबला

Sanjay Karere ने कहा…

अनवरत की दूसरी वर्षगांठ पर शुभकामनाएं द्विवेदी जी।

Udan Tashtari ने कहा…

अनवरत की दूसरी वर्षगांठ की बहुत बधाई एवं ढेर शुभकामनाएँ. ऐसे ही अनवरत यह सिलसिला बना रहे.

Arvind Mishra ने कहा…

अनवरत चलता रहे यह सिलसिला -बहुत बधाई !

अजय कुमार झा ने कहा…

सर इसमें दो अंडे हमारी तरफ़ से जोड लिजीये ...नहीं समझे अरे जोडिए तो सही ....2 + 00=
200 ,हां यानि अगले दो सौ सालों तक तो ये सफ़र अनवरत ही चलता रहे । बहुत बहुत शुभकामना और बधाई सर ॥

राजीव तनेजा ने कहा…

दो वर्ष पूर्ण होने की बहुत-बहुत बधाई

विवेक रस्तोगी ने कहा…

शुभकामनाएँ आपको ..

Anil Pusadkar ने कहा…

आदरणीय द्विवेदी जी बहुत बहुत बधाई।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

अनवरत के तीसर वर्ष में पदार्पण करने के लिए बधाई। शायद संगीता जी बता सकेंगी कि आपके पांव में जो सफ़र का चक्कर है वो कम खतम होगा :)

उन्मुक्त ने कहा…

बधाई

Abhishek Ojha ने कहा…

बधाई ! वैसे ये क्या याद रखना... बस बिना किसी रुकावट के चलता रहे.

राज भाटिय़ा ने कहा…

अनवरत की वर्षगांठ की बहुत बधाई एवं ढेर शुभकामनाएँ, ओर आगे बढता चला जाये.

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत बधाई आपको ..लिखते रहे यूँ ही यही दुआ करेंगे शुक्रिया

L.Goswami ने कहा…

हमारी तरफ़ से भी "अनवरत" और आपको बहुत बहुत बधाई.

निर्मला कपिला ने कहा…

वाह दूसरी वर्शगाँठ की बहुत बहुत बधाई अपने ब्लाग की राशी शायद एक ही है 26 को अपने ब्लाग की है । यात्रा का विवरण भी बहुत अच्छा रहा । शुभकामनायें

प्रवीण ने कहा…

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आदरणीय द्विवेदी जी,
'अनवरत' के दो साल का होने पर बधाई...
अनवरत जारी रहे यह सिलसिला...इसी कामना के साथ।

कार्तिकेय मिश्र (Kartikeya Mishra) ने कहा…

बहुत बहुत बधाई.. लगे रहिये। आप जैसों के ही सतत आशीष से हम नये नवेले लोग पल्लवित-पुष्पित होते रहते हैं

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

अस्वस्थता के कारण आपकी कई पोस्ट आज ही पढ़ रही हूँ -- सही और नियमित धारदार लेखन के लिए बधाई --
और दीनेश भाई जी को आपको बधाई
अनवरत - अनवरत चलता रहे -- : हेपी बर्थडे -- हमने
भी इसी नवम्बर की २२ को सालगिरह मनाई :)
सादर स स्नेह
- लावण्या

Nitin Bagla ने कहा…

दूसरी सालगिरह मुबारक हो!