उद्धव ठाकरे!
भाग्यशाली हैं!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अनपेक्षित असफलता ने उन्हें बे-काम कर दिया था।
'जमीयत उलेमा ए हिंद' द्वारा वंदेमातरम् को इस्लाम के खुदा के अतिरिक्त किसी की वंदना न करने के सिद्धांत के विपरीत घोषित करने के निर्णय ने उन्हें काम दे दिया है।
अब महाराष्ट्र में वंदे मातरम् के बोर्ड लगेंगे।
वंदे मातरम् तो मराठी भाषा में नहीं है।
राज ठाकरे कैसे बर्दाश्त कर पाएँगे?
फिर नूरा कुश्ती की तैयारी है,
देखते हैं आगे आगे होता है क्या?
10 टिप्पणियां:
ज़बरदस्त तूफ़ान
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चाँद, बादल और शाम
जय हो ताऊओं की नूरा कुश्ती का.:)
रामराम.
द्विवेदी सर,
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे लंगोट कस कर आपस में ही दंगल क्यों नहीं कर लेते...जो दूसरे को धोबी पाट देकर चित कर देगा वही बाल ठाकरे का असली उत्तराधिकारी...आपस में लड़ेंगे तो दूसरे तो कम से कम चैन से रह सकेंगे...
जय हिंद...
ये सभी पहले वन्दे मातरम पूरा याद तो कर लें!
अरे द्विवेदीजी, आप समझे नहीं, पहले वंदेमातरम का मराठी अनुवाद होगा और फिर उसे महाराष्ट्र के बच्चों से गवाया जाएगा..... जो मराठी में नहीं गा सकता उसे बाहर भेज दिया जाएगा:)
बहुत अच्छे.. मराठी वर्जन भी देख लेंगे वन्दे मातरम का।
तीसरे वाले बडे ठाकरे शायद इस कुश्ती में निर्णायक की भूमिका में होंगें :)
राम राम जगह जगह लिख देने से, ओर उसे पढने से कोई भगत नही बन सकता, जबरदस्ती से कोन देश भगत बन सकता है...अब हम क्या कहे,
लड़नेवालों को नित नये औजार मिल जाते हैं
बेचारी जनता पिटती रहती है !
- लावण्या
jab mahngai, berojgari se janta pareshan tab vande matram ka rag alapa jana sarkar ko bhi pasand aayega
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