@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Yatra+Oney=swap'); अनवरत: 'कविता' प्यास

मंगलवार, 16 जून 2009

'कविता' प्यास

प्यास
  • दिनेशराय द्विवेदी
 असीम है जीवन 
उस की संभावनाएँ भी

हम चाहते हैं पूरा
मिलता है बहुत कम
शायद असीम का
करोड़, करोड........करोडवाँ अंश

प्यास तो रहेगी शेष
हमेशा ही
वह कभी नहीं बुझेगी

प्यास चिरयौवना है
अमर है
प्रेम का असीम स्रोत है

चाहता हूँ 
बनी रहे,
अनंत तक, 
प्यास
मेरे साथ
सब के साथ 

************** 
 

15 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

प्यास तो रहेगी शेष
हमेशा ही
वह कभी नहीं बुझेगी

-सत्य वचन और सुन्दर रचना.

श्यामल सुमन ने कहा…

कम शब्दों में आपने जगा दिया एहसास।
जीवन सार्थक हो तभी बची रहे यह प्यास।।

बसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

Himanshu Pandey ने कहा…

प्यास मतलब अभीप्सा ? या प्यास मतलब आकांक्षा?
जो भी हो प्यास तो रहेगी ही ।

अमिताभ मीत ने कहा…

प्यास चिरयौवना है
अमर है
प्रेम का असीम स्रोत है

प्यास बनी रहे ये ज़रूरी भी है शायद.

सुन्दर रचना.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

शायद 'प्यास ' और अतृप्ति ही हमेँ जीवन जीने के लिये उध्यत करती है .एक सुँदर रचना .
- लावण्या

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

प्यास तो रहेगी शेष
हमेशा ही
वह कभी नहीं बुझेगी
सुंदर रचना .

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

जब तक प्यास है तब तक जीवन है. अत्यंत सुंदर रचना.

रामराम.

मुकेश कुमार तिवारी ने कहा…

आदरणीय डॉ. द्विवेदी जी,

चाहता हूँ
बनी रहे,
अनंत तक, प्यास
मेरे साथ
सब के साथ

प्यास यह ऐसी कामना है कि जिसमें सर्वमंगल निहित है। सच कहा है कि जीवन वह प्राप्ति का वह क्षण नही है, बल्कि प्राप्ति के मार्ग पर प्रयासरत क्षणों में हम अपना जीवन जी लेते हैं और प्राप्ति फिर एक प्यास जगाती है जो जीवन की शुरूआत है। अन्यथा मात्र लक्ष्य प्राप्ति का ध्येय लिये जीवन मुकाम की तलाश है।

मैंनें पहली बार ही आपकी कविता को पढा है, तीसरा खंबा की चर्चा, प्रिंट मीडिया में और भी बहुत कुछ श्री समीर लाल जी / डॉ. अनुराग शर्मा / श्री अनूप जी शुक्ल आदि के ब्लॉग्स पर आपकी मौजूदगी को देखा है।

कानूनी धाराओं की जटिल परिभाषाओं के बीच कविता अपने समग्र रूप में विद्यमान है।

आशीर्वाद की आकांक्षा में

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

Science Bloggers Association ने कहा…

और प्‍यास ही आगे बढने के लिए प्रेरित करने वाली प्रेरणा भी है।

सुंदर भाव, सुंदर कविता।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Anil Pusadkar ने कहा…

आमीन।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

(Sorry for the English)
Yes, it is correct…the infinity of life is like the infinity of the universe. Only difference is that we tend to look inwards instead of being outward looking, alike universe. The futility of life is imminent the moment we begin to realize the minisculeness of the very life. I shall email a beautiful thing separately, reflecting the same.

Abhishek Ojha ने कहा…

अच्छी रचना.
प्यास बनी रहे ... बस बढे नहीं ! वर्ना कुमार्ग को प्रेरित भी तो कर सकती है !

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

सुन्दर रचना है।बधाई।

विवेक ने कहा…

भावपूर्ण रचना...जिंदगी का सबसे बड़ा सच यही तो है...

राज भाटिय़ा ने कहा…

दिनेश जी आप ने बहुत ही सुंदर कविता कही,
प्यास तो रहेगी शेष
हमेशा ही
वह कभी नहीं बुझेगी
ओर हां यह पहले वाला चित्र मुझे ऎसा लगा जेसे मेने इसे कही देखा है, ऎसा ही चित्र जब हम अफ़्गानिस्तान के ऊपर से गुजरते है तो नीचे दिखाई देता है, अब पता नही यह वोही चित्र है या कोई दुसरा
धन्यवाद