सुबह सुबह ही इंटरनेट पर जाते ही समाचार मिला कि डाक्टर अमर नहीं रहे। मेरे लिए यह अत्यन्त संघातिक समाचार था। उन के ब्लाग पर एक आलेख मुझे बहुत पसंद आया था और मैं ने उस आलेख और उन के ब्लाग का अनवरत पर उल्लेख किया था। उस के बाद उन से नेट संपर्क बना रहा। उन से रूबरू मिलने की तमन्ना पनपी। पर वह तभी संभव था जब वे मेरे घर आते या मैं उन के घर जाता या फिर किसी तीसरे स्थान पर हम मिलते। उन का इधर आना नहीं हो सका। मेरा जैसा व्यक्ति जो अपने काम के कारण भी और स्वभाव से भी गृहअनुरागी है, उन से मिलने नहीं जा सका। किसी तीसरे स्थान पर भी उन से भेंट नहीं हो सकी। उन से जीवन में नहीं मिल सकना मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं ने उन्हें सदैव अपना बड़ा भाई समझा। उन्हों ने मुझे एक बराबर के मित्र जैसा व्यवहार और स्नेह प्रदान किया। वे अभिव्यक्ति में बहुत खरे थे, शायद अपने जीवन में भी वैसे ही रहे होंगे। दुनिया में बहुत कम इस प्रकार के खरे व्यक्ति होते हैं। विशेष रूप से चिकित्सक और वकील का इतना खरा होना संभव नहीं होता। लेकिन वे थे। मैं चाहते हुए भी शायद उतना नहीं हूँ।
उन का नहीं रहना मेरे लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं नहीं बता सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूँ। लेकिन जीवन कभी नहीं रुकता है। इस विश्व के छोटे से छोटे कण और बड़े से बड़े पिण्ड की भाँति वह सतत गतिमय होता है। आज तीन दिनों के बाद अदालत खुली थी। मेरे पास आज काम भी बहुत अधिक था। मैं सुबह 11 बजे अदालत जाने के बाद शाम 5 बजे तक लगातार काम करता रहा। भागदौड़ भी बहुत अधिक हुई। शाम को भी अनायास ही मुझे अपने एक स्नेही की समस्या में शामिल होना पड़ा। वहाँ से अभी आधी रात को अपने घर पहुँचा हूँ। आज देश बहुत महत्वपूर्ण घटनाक्रम से गुजरा है। कल का दिन कैसा होगा? कोई अनुमान नहीं कर सकता। कल मेरा शहर कोटा बंद है। वकील भी कल काम बंद कर अन्ना के आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे। कल के बाद क्या होगा। यह अनुमान नहीं किया जा सकता। आज बहुत कुछ कहना चाहता था। लेकिन डाक्टर अमर की क्षति के कारण कुछ लिखने का मन नहीं है।
डाक्टर अमर को मेरी आत्मिक श्रद्धांजलि!!!
यह हिन्दी ब्लाग जगत की तो भारी क्षति है ही। निश्चित रूप से उन के परिवार के लिए यह क्षति बहुत अधिक है। विशेष रूप से भाभी के लिए तो यह भारी आघात है। मैं समझ सकता हूँ कि उन के नगर के लोगों और उन के निकट के लोगों के लिए भी यह बहुत आघातकारी है। मैं सब के दुःख में अपने दुःख के साथ सब के साथ हूँ। हम जीवन भर उन्हें विस्मृत नहीं कर सकेंगे।
25 टिप्पणियां:
डॉ.अमर कुमार एक बहुविध अध्ययनशील ,प्रखर मेधा के धनी ब्लॉगर थे -साथ ही जिजीविषा ऐसी की अपनी बीमारी के बाद भी बिना इसका अहसास लोगों को दिलाये वे लगातार लोगों के चिट्ठों को ध्यान से पढ़ते और सारगर्भित टिप्पणियाँ करते ...
उनकी बहुत याद आयेगी ..श्रद्धासुमन !
मैं उनसे कभी नहीं मिला, लेकिन उनकी लेखन शैली, स्पष्ट वादिता और खरी-सच्ची बात कहने का हमेशा कायल रहा. ऐसे व्यक्तित्व का जाना बहुत बड़ा धक्का है..
दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि
way4host
दिवंगत को श्रद्धांजलि।
डा. अमर कुमार जी को श्रृद्धांजलि,
डॉ.अमर कुमार एक बहुविध अध्ययनशील ,प्रखर मेधा के धनी ब्लॉगर थे -साथ ही जिजीविषा ऐसी की अपनी बीमारी के बाद भी बिना इसका अहसास लोगों को दिलाये वे लगातार लोगों के चिट्ठों को ध्यान से पढ़ते और सारगर्भित टिप्पणियाँ करते ...
डा. साहब अक्सर टिप्पणी पर मॉडरेशन लगाए जाने के विरोधी थे।
इसके खि़लाफ़ वह अक्सर ही आवाज़ बुलंद किया करते थे।
उनकी ख़ुशी के लिए कम से कम एक दिन सभी लोग अपने ब्लॉग से मॉडरेशन हटा लें तो उनके लिए हमारी तरफ़ से यह एक सम्मान होगा।
वह एक ज्ञानी आदमी थे।
उनकी टिप्पणी उनके ज्ञान का प्रमाण है।
जिसे आप देख सकते हैं इस लिंक पर http://commentsgarden.blogspot.com/2011/01/holy-family.html
डा.अमर का जाना हम सबकी अपूरणीय क्षति है। उनकी स्मृति को नमन!
डॉ. अमर कुमार हमारे बीच हमेशा अमर रहेंगे... अपनी यादों के साथ... अपने लेखों और सटीक टिप्पणियों के रूप में..
डॉ अमर कुमार के जाने से, विभिन्न भारतीय संस्कृतियों एक बेहतरीन विद्वान्, और हिंदी जगत का एक मनीषी आकस्मिक तौर पर विदा हो गया ! ब्लॉग जगत के लिए उनका रिक्त स्थान भरना नामुमकिन सा लगता है !
उनकी टिप्पणिया याद आएँगी !
डा. अमर कुमार जी को श्रद्धांजलि !
डॉ. अमर कुमार जी को श्रृद्धांजलि...
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guruwar ko "shradhasuman"
pranam.
खरा-खरा लिखते थे वे। और खरा सोना थे वे।
विनम्र श्रद्धांजलि।
ब्लाग जगत से कबीर चला गया, विनम्र अश्रूपूरित श्रद्धांजलि.
रामराम.
:( कुछ कहते नहीं बन रहा उनसे जुडी पोस्टों पर.
डॉ. अमर कुमार जी को श्रृद्धांजलि...
उनकी बहुत याद आयेगी ........
डा. अमर कुमार जी के चले जाने से जो शून्य उत्पन्न हो गया है...वो कभी भर नहीं पायेगा और उनकी कमी हमेशा खलेगी..
विनम्र श्रद्धांजलि
उनके स्वास्थ्य लाभ के दौर में यह स्तब्ध कर देने वाला समाचार है ।
मेरी विनम्र श्रद्धांजली.
विनम्र श्रद्धांजलि।
सही कह रहे हैं.
ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व का जाना अखर जाता है,मेरी भी विनम्र श्रद्धांजलि.
ईश्वर ,परिवारी जनों को दुःख सहन करने की शक्ति दें...
डॉ अमर कुमार जैसा जीवंत और जीवट व्यक्ति मैंने कभी नहीं देखा । न सिर्फ बीमारी से साहस के साथ लड़े , बल्कि अपने व्यक्तित्त्व को भी अंत तक प्रभावित होने नहीं दिया ।
उनकी टिप्पणियों के रूप में हमेशा हमारे बीच रहेंगे ।
उनकी क्षति परिवार के लिए , ब्लॉगजगत के लिए अपूरणीय है ।
विनम्र श्रधांजलि ।
ओह...जबरदस्त क्षति...
उनका हौसला कमाल का था...जितना भी उन्हें देखा-पढ़ा...
विनम्र श्रृद्धांजलि!!
आपसे ही यह अप्रिय और कष्टदायक सूचना मिली। मेरी ओर से भी हार्दिक श्रध्दांजलि।
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