सुबह उठे, कॉफी पी है। अखबार को श्रीमती जी ले कर बैठ गई हैं। हम ने कम्प्यूटर चालू किया। पढ़ने को चिट्ठे खोले। पहला पढ़ना शुरू किया ही था कि बाहर से श्रीमती जी बोल उठीं। 7 बजे से बिजली कटौती है 10 बजे तक। सात बजने वाली है।
भाई हम झूंठ नही बोलेंगे और जबरिया आपकी हां मे हां नही मिलायेंगे..हमारे यहां सुबह ६:३० से ८:०० बजे तक कटौती है और वो भी इसलिये कि नलों से लोग सीधे मोतर लगा कर पानी ना खींच ले. बाकी तो परमानंद हैं जी. जय हो सरकार की...
8 टिप्पणियां:
तीन घंटे बाद लौटेंगे तो दुनिया बदली मिलेगी. :)
अरे हमारे यहाँ तो सुबह पांच बजे जो जाती है तो सीधे बारह बजे आती है!!
आप तो परम भाग्यशालीं हैं कि तीन ही घंटे झेलना हैं ,हम लोंगों के यहाँ तो कुल तीन ही घंटे आती ही है .
हम भी आपको इन्वरटर की मदद से ही उत्तर दे पा रहे हैं। कल शाम को ही पता लग गया था कि चुनाव हो चुके हैं अब कटौती होने वाली है। जय हो।
कहने में संकोच हो रहा है, पर हमारे कस्बे में पिछले दो दिनों से केवल तीन घंटे ही बिजली मिली होगी ।
पर वह तो मेरा भाव यह है -
"वतन की रेत मुझे एड़ियाँ रगड़ने दे
मुझे यकीं है पानी यहीं से निकलेगा ।" जिससे चिट्ठाकारी का काम सम्पादित हो जाता है ।
भाई हम झूंठ नही बोलेंगे और जबरिया आपकी हां मे हां नही मिलायेंगे..हमारे यहां सुबह ६:३० से ८:०० बजे तक कटौती है और वो भी इसलिये कि नलों से लोग सीधे मोतर लगा कर पानी ना खींच ले. बाकी तो परमानंद हैं जी. जय हो सरकार की...
रामराम.
जी हाल तो बुरा यहाँ भी है!
तीन घण्टे तो ज्यादा नहीं है। आप कोई दमदार इन्वर्टर न किये हों तो ले लीजिये! पांच छ घण्टे तो खींच ही देगा - कम्प्यूटर समेत।
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