@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Yatra+Oney=swap'); अनवरत: ढाई दिन का किस्सा, नकारात्मक ऊर्जा का शिकार कंप्यूटर अस्पताल में

बुधवार, 7 जनवरी 2009

ढाई दिन का किस्सा, नकारात्मक ऊर्जा का शिकार कंप्यूटर अस्पताल में

रविवार, 4 जनवरी 2009,
अनवरत और तीसरा खंबा दोनों पर एक एक आलेख लिखने का मन था।  शाम को जैसे ही लिखने बैठा।  कंप्यूटर जी ने हथियार पटक दिए,  -हम बहुत बीमार हैं, पहले हमारा इलाज कराइए।  बात उस की सही थी।  बेचारे की एक सिस्टम फाइल कब से नष्ट हो चुकी थी।   उस का इलाज हम कर भी चुके होते।  लेकिन जैसे ही हम ने सीडी कम्प्यूटर जी के लिपिक को थमाई, पता लगा सीडी को घुमा कर देख ही नहीं रहे हैं।  अब तो अस्पताल ही चारा है।  आम हिन्दुस्तानी आदत कि कल चलेंगे अस्पताल, पूरा महीना निकल गया। कम्प्यूटर जी जैसे तैसे काम करते रहे।   हम आप मिलते रहे।

रविवार  शाम को कम्प्यूटर जी के सिस्टम की कुछ फाइलें और गायब हो गई।   माई कम्प्यूटर के दरवाजे पर ताला लटक गया।  कम्यूटर जी बोलते तो सही,  पर हर बार एक ही शब्द हेंग, हेंग, हेंग ............

हम समझ गए, कम्प्यूटर हमारी नकारात्मक ऊर्जा का शिकार हो चुका है।  हमने कहा तुम आराम करो, आज अस्पताल की छुट्टी है।  कल खुलेगा तो ले चलेंगे।

सोमवार, 5 जनवरी  2009,
सुबह कम्प्यूटर जी को अस्पताल पहुँचा कर अदालत गए।  अपने सिस्टम की सीडी घर ही रह गई।  अदालत से घर पहुँचे तो, सीडी अस्पताल पहुँचाई।   रात को आठ बजे कंप्यूटर जी घर पहुँचे।  हमने उन की जाँच परख की तो वे अस्पताल से आ कर नए नए लग रहे थे।
सब से पहले वाइरस रक्षक देखा, कहीं नहीं दिखा।  हमने कहा ये वाइरस रक्षक पहनो।  उस ने पहना और थोड़ी देर बाद फिर से कहने लगा, हेंग, हेंग, हेंग ............

ध्यान से देखा तो वाइरस रक्षक का एक दूसरे वाइरस रक्षक से युद्ध चल रहा था।  कोई नया रक्षक था, था भी दमदार।  हमने स्क्रीन पर उन का लोगो तो देखा था और नाम भी।  मगर समझे थे कि कोई नया गाने बजाने वाला है।  पर वह तो ब्लेक कमांडो निकला।  कंप्यूटर फिर हेंग हो कर उन की लड़ाई का आनंद ले रहा था। हमारी क्या सुनता। 

हमने सोचा एक रक्षक को निकाल दो।  हमने एक  रक्षक को निकाल कर बाहर किया तो कम्प्यूटर जी ने सुनना चालू किया।  हमने ब्रॉड बैंड चालू किया। मेल पढ़ ही रहे थे कि कम्प्यूटर जी की बत्ती गुल!

अब कोई चारा नहीं, सिवा इस के कि उन्हें फिर से अस्पताल पहुँचाया जाए।

मंगलवार, 6 जनवरी 2009
कम्प्यूटर जी को फिर से अस्पताल पहुँचाया।  फिर से उन का इलाज हुआ।  शाम घर आए तो हमारे मुवक्किल हाजिर।   देर रात ही कम्प्यूटर जी से बात हो सकी।  पहले ढ़ाई दिनों की खबर ली।  बैरागी जी पूछ रहे थे, वकील साहब कहाँ हैं?  उन का फोन नम्बर भी था, सो उन से बतियाए।  कम्प्यूटर जी को सही पाया तो उन की दुकान सजाने का काम करते रहे।  जब दुकान कुछ कुछ सज कर तैयार हुई तो  सोने का समय हो गया।

बुधवार,7 जनवरी 2009
अब सुबह उठ कर पहले ढ़ाई दिनों की भाई लोगों की कारगुजारियाँ देखीं।  एक सज्जन के लिए सलाह लिख तीसरा खंबा को मोर्चे पर रवाना किया।  ढाई दिन का ये किस्सा आप को बता दिया है।  अदालत जाने का समय हो रहा है और अभी नहाए नहीं हैं।   उस के बिना अपनी पंडिताइन सुबह का नाश्ता देती नहीं।  वह भी नहीं मिला सुबह से अब तक दो कॉफी मिली है, उसी से काम चल रहा है।  पंडिताइन इस से ज्यादा सैंक्शन करने वाली नहीं है।   अब उठने के सिवा कोई चारा नहीं है।   कम्प्यूटर भी कह रहा है,  बस एक दो औजार लटका कर शुरु कर दिया घिसना।  मेरे बाकी औजार तो लौटाओ।  उसे कह दिया है, आज मुहर्रम मनाओ, कल मुहर्रम की छुट्टी है।   आज क़तल की रात अपनी है,  उसी में तुम्हारे औज़ार लौटाएँगे।

शाम को मिलते हैं,  टिपियाते हुए।
जय! कंप्यूटर जी की !

19 टिप्‍पणियां:

Dr Parveen Chopra ने कहा…

आप का कंप्यूटर हास्पीटल से ठीक हो कर वापिस लौट आया ----बधाई हो, द्विवेदी जी। आपने पोस्ट को बहुत ही रोचक ढंग से लिखा है....उत्सुकता लगातार बनी रही।

Smart Indian ने कहा…

कम्प्युटर जी के ठीक होने का बेसब्री से इंतज़ार है.

इरशाद अली ने कहा…

कम्प्यूटर एक कम्प्यूटर न होकर एक चरित्र दिखाई देने लगता है, मुझे पता ही नही था द्विवेदी जी की आप व्यंग भी लिखते है। किस्तवार दिनों का ब्योंरा। इतनी तव्वजों तो हम इंसानों को नही मिलती। वैसे आप चाहे तो कुछ अच्छे टॉनिक आजकल बाजार में उपलब्ध है। जिससे आपके इस उस्ताद जी को कोई बीमारी ही नही लगेंगी।

Shiv ने कहा…

कंप्यूटर सता रहा है. सच में, जब अपनी औकात पर उतरता है तो तहलका मचा देता है. खैर, अब अस्पताल से आ गया है तो स्वस्थ रहे, यही कामना है.

सागर नाहर ने कहा…

रोचक पोस्ट..
हैंग..हैंग..हैंग!!
मेरे साईबर कॉफे में इस तरह की समस्याएं रोज आती रहती है, अब हमें तो आदत सी हो गई है।
:)

Unknown ने कहा…

jaldi se thik karwaaye computer ko....taaki hame baraabar aapka likha hua padhne ko milta rahe..

डा. अमर कुमार ने कहा…


पंडिज्जी, अपने सेवक और सखा के स्वास्थ्य का ध्यान रखा करें.. यह अब बहुत बड़े नियामत की हैसियत रखने लगे हैं !
मैं, मेल से सहायता कर सकता हूँ, काहे उसको लिये लिये फिरते हो ? पैसा भी जो दे देंगे, मना नहीं करूँगा :)

Abhishek Ojha ने कहा…

ख्याल तो रखना ही पड़ेगा. अब मेरा लैपटॉप पिछले २ महीनों से बंद ही नहीं हुआ... बेचारे ने घिस-घिस से २०० जीबी डाटा डाउनलोड कर के लिख डाला है. आज ही २-४ घंटे के लिए बंद करता हूँ.

pallavi trivedi ने कहा…

get well soon computer ji....

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

आप तो नाहक परेशान हो रहे हैं. आगे कभी आपका कम्प्यूटर बिमार हो तो एक फ़ार्मुला बताये देते हैं. यह नुस्खा उअको पिला देवे. उपर से शुद्ध मलाईदार भैंस का दुध दो लीटर पिलाअ कर सुला देवे, तुरंत आराम आ जायेगा.

फ़ार्मुला- लहसुन,अदरक,पान के पत्ते का एक एक चम्म्च रस निकाल कर उसमे एक चम्म्च सुद्ध शहद मिला कर पिलाये.

रामराम.

Arvind Mishra ने कहा…

अल्लाह खैर करें !

विष्णु बैरागी ने कहा…

बातें तो सारी आपने कल ही बता दी थीं। केवल यह देखने के लिए आपका ब्‍लाग खोला कि आपने सूनापन दूर किया या नहीं।
शुक्र है, आप विराजमान हैं।

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

आपका कम्प्यूटर तो नकारात्मकता से उबर गया होगा। हम तो खुद कोहरे के कारण सन्न हो गयें हैं नकारात्मकता से।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

पहले टीवी और अब कम्प्युटर वाकई हमारे जीवन के महत्त्वपूर्ण सदस्य बन गये हैँ
लावण्या

राज भाटिय़ा ने कहा…

दिनेशराय जी जब भी आप का लेपटाप या कंप्यूटर थोडा भी खासने लगे,तभी उस का हाल चाल पुछ ले, ओए रोजाना इन्टर्नेट मै प्रोपर्टि मै जा कर, टेमरेरी फ़ाईल ज्रुरु साफ़( डीलीट) करे, ओर विरुस आने पर सब से पहले उस ससुरे वीरुस को निकालो,
चलिये अब तो ठीक हो गया होगा.

Gyan Darpan ने कहा…

दिनेश जी मेरा कंप्युटर भी अक्सर वायरस की वजह से ख़राब हो जाता है ! हर महीने या कुछ महीनो बाद ही विण्डो वायरस की वजह से करप्ट हो जाती है चूँकि मै फ्री वाले एंटी वायरस इस्तेमाल करता हूँ जिनका हाल भारतीय सुरक्षा बालों की तरह ही है जो हर बार घुसपैठ रोकने में नाकामयाब रहते है और जब इनसे कोई कार्यवाही करावो तो बीमार फाइल को डिलीट करके ही इलाज करते है इसलिय मैंने लिनुक्स सिखने का मन बनाया अब पिछले कुछ दिनों उबुन्टू लिनक्स इस्तेमाल कर रहा हूँ जिसमे वायरस की घुसपैठ का कोई चक्कर ही नही है और अभी तक सुखी हूँ ! वरना हर थोड़े दिनों में कंप्युटर जी को ताऊ द्वारा बताया नुस्खे का काढा पिलाते रहना पड़ता था !

Tarun ने कहा…

ये नकरात्मक ऊर्जा बड़ी खतरनाक चीज निकली, आगे कुछ लिख नही सकते क्योंकि दिमाग हैंग हैंग हैंग

Udan Tashtari ने कहा…

कभी खुद की सेहत बिगाड़ लें वो चल जायेगा मगर कम्प्यूटर देव का विशेष ख्याल रखें साहेब!!

अच्छा लगा जानकर कि महाराज अब पूर्णतः स्वस्थ होकर लौट आये हैं, बधाई एवं शुभकामनाऐं.

चंदन कुमार मिश्र ने कहा…

कम्प्यूटर से कम्प्यूटर पर कम्प्यूटर का दैनिक अनुभव यानि कम्प्यूटरीकृत डायरी।