आइए उन की इस ग़ज़ल को उन्हीं की एक और छोटी बहर की ग़ज़ल के साथ फिर से पढ़ने का आनंद प्राप्त करें .....
आ गए किस मुक़ाम पर
........................पुरुषोत्तम ‘यक़ीन’
सुब्ह काम पर
शाम जाम पर
इश्क़ में जला
हुस्न बाम पर
दिल फिसल गया
‘मीम’ ‘लाम’ पर
रिन्द पिल पड़े
एक जाम पर
ग़ारतें मचीं
राम-नाम पर
आ गए ‘यक़ीन’
किस मुक़ाम पर
शाम जाम पर
इश्क़ में जला
हुस्न बाम पर
दिल फिसल गया
‘मीम’ ‘लाम’ पर
रिन्द पिल पड़े
एक जाम पर
ग़ारतें मचीं
राम-नाम पर
आ गए ‘यक़ीन’
किस मुक़ाम पर
और ...
दुनिया की सब से छोटी बहर की ग़ज़ल
हम चले
..........................पुरुषोत्तम ‘यक़ीन’
हम चले
कम चले
आए तुम
ग़म चले
तुम रहो
दम चले
तुम में हम
रम चले
हर तरफ़
बम चले
अब हवा
नम चले
लो ‘यक़ीन’
हम चले
हम चले
कम चले
आए तुम
ग़म चले
तुम रहो
दम चले
तुम में हम
रम चले
हर तरफ़
बम चले
अब हवा
नम चले
लो ‘यक़ीन’
हम चले
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19 टिप्पणियां:
लाजवाब !
रामराम
आदाब अर्ज़ है. भाईजान ये क्या ले आए."तुम में हम
रम चले"
बहुत खूब.हम भी रम गये.
बहुत खूब
मजा आ गया वाह .
धन्यवाद
Excellent!
बहुत अच्छी गजले हैं । चयन को बधाई
मै आपके चार अक्ष्रर की कविता देता हू। कविता के लेखक हैं हुक्का बिजनौर।
कविता का शीर्षक है प्रेम ,विवाह परिणाम, महली दो पंक्ति प्रेम को प्रदर्शित करती है। तीसरी विवाह को आैर चौथी परिणाम को
तू
मै
तूमै
तू तू मै मै
निराली ग़ज़ल....निराली पेशकश !
==========================
आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
अद्भुत ! कल्पना और क्रियाशीलता की पराकाष्टा को इंगित करती ग़ज़ल.
अब, मास्टर (पंकज सुबीर) जी स्पष्ट करेंगे कि क्या ये वाकई ग़ज़ल कही जा सकती है?
waah fantastic
गजल का आनन्द तो पहले ही ले लिया था । लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रेकार्ड्स में उल्ल्ेख होने की सूचना पाकर अच्छा लगा ।
यकीनजी को बधाइयां पहुंचाइएगा । यह खुश खबर देने के लिए आपको धन्यवाद ।
लाजवाब...जानता हूं इस दर्द को,छोटी बहर को बिठाने का दर्द..
यकीन साब को करोड़ों बधाई
मज़ा आगया जी . बढिया है .
मान्यवर दिनेश राय द्विवेदी जी सादर नमन| दुनिया की सबसे छोटे बहर की ग़ज़ल आप के मार्फत पढ़ कर बहुत अच्छा लगा| इस विषय पर आप से आगे भी कुछ चर्चा करनी है| मेरा ई मेल पता है:- navincchaturvedi@gmail.com
my blog http://thalebaithe.blogspot.com
भाई पुरुषोत्तम 'यकीन' जो को इतने खूबसूरत आशार के लिए बहुत बहुत मुबारकबाद|
७ और ५ मात्रा की दोनो ही ग़ज़लें बहुत ही खूबसूरत हैं| बहुत बहुत बधाई भाई पुरुषोत्तम जी|
३ मात्रा की एक और कोशिश देखने के लिए कृपया यहाँ पधारें|
http://thalebaithe.blogspot.com/2010/12/blog-post_09.html
बहुत अच्छा लगा ये ग़ज़ल पढ़ कर
आपको शायद ये विश्वाश न हो पर हमारे संग्रह `हम कहाँ हैं ` जो कि प्रारंभ प्रकाशन ,गाजियाबाद से 2006 में प्रकाशित हुआ है,दो ,तीन ,चार,पांच ,छ ,सात आठ ,दस ,बारह ,चौदह,पंद्रह ,सोलह,और इससे अधिक मात्राओं की ग़ज़लें हैं ,हमको भी ये आभास नहीं था कि ये एक विश्व रिकॉर्ड है आज यहाँ ये लिम्का रिकॉर्ड की बात पढ़ कर इस पर ध्यान गया है ,
यहाँ आप सभी के अवलोकनार्थ दो मात्राओं की ग़ज़ल पेश है .
ग़ज़ल
दिल
खिल
कल
मिल
ग़म
निल
मत
रिल
चल
पिल - -नित्यानंद `तुषार`
आर-64,सेक्टर-12,प्रताप विहार ,गाजियाबाद-201 009 (उत्तर प्रदेश)
(निल इंग्लिश का शब्द है ,रिल देशज शब्द हैं हिंदी भाषा का )
बहुत अच्छा लगा ये ग़ज़ल पढ़ कर
आपको शायद ये विश्वाश न हो पर हमारे संग्रह `हम कहाँ हैं ` जो कि प्रारंभ प्रकाशन ,गाजियाबाद से 2006 में प्रकाशित हुआ है,दो ,तीन ,चार,पांच ,छ ,सात आठ ,दस ,बारह ,चौदह,पंद्रह ,सोलह,और इससे अधिक मात्राओं की ग़ज़लें हैं ,हमको भी ये आभास नहीं था कि ये एक विश्व रिकॉर्ड है आज यहाँ ये लिम्का रिकॉर्ड की बात पढ़ कर इस पर ध्यान गया है ,
यहाँ आप सभी के अवलोकनार्थ दो मात्राओं की ग़ज़ल पेश है .
ग़ज़ल
दिल
खिल
कल
मिल
ग़म
निल
मत
रिल
चल
पिल - -नित्यानंद `तुषार`
आर-64,सेक्टर-12,प्रताप विहार ,गाजियाबाद-201 009 (उत्तर प्रदेश)
(निल इंग्लिश का शब्द है ,रिल देशज शब्द हैं हिंदी भाषा का )
आरंभ और अंत की पंक्ति एक ही है। पांच नहीं छः मात्राएँ भी हैं। मैंने तो चार मात्राओं में ग़ज़ल लिखी है। चार की तीन या पाँच भी नहीं होने दी। लेकिन इतनी छोटी बहर होती नहीं है मान्यवर।
बेहतरीन
अच्छी ग़ज़लें
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