- शिवराम
झाड़ू ऊँचा रहे हमारा
सब से प्यारा सब से न्यारा
इस झाड़ू को लेकर कर में
आजादी का ये रखवाला ।।1।।
झाड़ू ऊँचा रहे हमारा ...
गड़बड़ करे पति परमेश्वर
नारी मान बढ़ाने वाला ।।2।।
झाड़ू ऊँचा रहे हमारा ...
झाड़ेगा ये मन का कचरा
फिर झाड़ेगा जग का कचरा
कचरा सभी हटाने वाला ।।3।।
झाड़ू ऊँचा रहे हमारा ...
राज जमेगा जिस दिन अपना
झंडा होगा झाड़ू अपना
अपना राज जमाने वाला ।।4।।
झाड़ू ऊँचा रहे हमारा ...
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13 टिप्पणियां:
बढ़िया तरीका है गीत के माध्यम से प्रदर्शित करने का..
द्विवेदी सर,
झाड़ू सफ़ाई का ही तो काम करती है...घर की भी और घरवाले की भी...
जय हिंद...
झाड़ू की इस उपयोगिता के बारे में तो पता ही नहीं था ...:) ...
"गड़बड़ करे पति परमेश्वर
पूजा करे तुरत ये निःस्वर"
बढ़िया !
बहुत ही गजब.
रामराम.
राज जमेगा जिस दिन अपना
झंडा होगा झाड़ू अपना
अपना राज जमाने वाला
झाड़ू ऊँचा रहे हमारा ...
वाह ,झाड़ू राज....?
दिलचस्प स्टाइल है प्रदर्शन का। शिवराम जी हैरान करते हैं हरबार....
झाड़ू ऊँचा रहे हमारा... मै तो झंडा ही पढता रहा, लेकिन जब कविता को पढा तो मुस्कुराये बिना नही रह पाया.... इस लिये मुझे कोई डर नही क्योकि हमारे यहां झाडू है ही नही:)
कविराय की लाठी वाली कुण्डलियाँ याद हो आयीं !
अद्भुत।
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वाह जी वाह
क्या ख़ूब गीत
और क्या ही उम्दा तस्वीरें!!
शैव राम जी की हर रचना मे एक सन्देश छुपा होता है । बहुत अच्छी रचना है बधाई
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