हे, पाठक!
वायरस पार्टी के परबक्ता से मिल कर सूत जी महाराज को बड़ा हर्ष हुआ। नई कथा के लिए सूत्र मिल चुका था। परबक्ता को अपना परिचय दिया कि मैं नैमिषारण्य टाइम्स का विशेष सम्वाददाता हूँ और आप के घोषित हीरो से एक साक्षात्कार चाहता हूँ। परबक्ता बोला- अभी तो समय मिलना असंभव लगता है, हीरो भारतवर्ष के तूफानी दौरे पर हैं। एक पावं मंच पर, तो दूसरा एयरोप्लेन या हेलीकोप्टर पर रहता है, वहाँ से हटता है तो किसी द्रुतगामी वाहन पर चला जाता है। फिर यह काम मेरे क्षेत्राधिकार का नहीं है साक्षात्कार फिक्स करने का काम हीरो जी के निजि सचिव का है। उन का कॉन्टेक्ट नम्बर आप को दे सकता हूँ। सूत जी ने फटाफट अपनी डायरी निकाली, नंबर नोट किया और अपना लैपटॉप संभालते वहाँ से चलते भए। सोच रहे थे नंबर मिल गया यह कम नहीं, वरना जाल पर खोज करनी पड़ती। फिर क्या था बाहर आ कर सीधे निजि सचिव को मोबाइल थर्राया। बहुत देर तक व्यस्त रहने के बाद आखिर नंबर लग गया और वंदेमातरम् की धुन सुनाई दी। फिर आवाज आई- हू आर यू? स्पीक इमिडियटली। सूत जी कम खुदा थोड़े ही थे, उन्होंने देस देस के ऋषिमुनियों की क्लास ले रखी थी। उसे भी अपना परिचय बताया। या, या, आई लिसन्ड दिस वर्ड नेमिसारण, बट नेवर सी दिस पेपर, व्हाई नोट सेन्ड ए कॉपी डेली टू अस, वी मे प्रोवाइड यू सम हेण्डसम एडस्। सूत जी ने बताया कि उन का अखबार सारे ऋषि, मुनियों और धार्मिक हिन्दुओं में बहुत पोपुलर है। अगर हीरो जी का साक्षात्कार उस में छप गया तो चुनाव में बड़ा लाभ मिलेगा।
हे, पाठक!
ऋषि, मुनि और धार्मिक पब्लिक का नाम सुनते ही निजि सचिव सोच में पड़ गया- यह बीमारी कहाँ से टपक पड़ी। ऋषि, मुनि और धार्मिक हिन्दू तो पहले ही बुक्ड हैं। उन पर समय और धन व्यय करना ठीक नहीं, इस आदमी को टालना होगा। पर इस की इन में पैठ है, कुछ उलटा सीधा लिख बैठा तो बुक्ड माल में से कुछ तो हाथ से निकल ही जाएगा, सफाई देनी पड़ेगी सो अलग। सचिव ने तुरंत सूत जी को बोला- वैसे तो हीरो जी से साक्षात्कार होना कठिन है, फिर भी मैं कुछ प्रयत्न कर सकता हूँ। लेकिन आप को मेरे ऑफिस में एक-दो दिन डेरा डालना पड़ेगा। सूत जी फिर हर्षित हुए। काम बनता नजर आ रहा है। बन गया तो एक एक्सक्लूसिव कथा का प्रबंध तो हो ही जाएगा।
हे, पाठक!
सूत जी निजि सचिव के दफ्तर पहुँचे। निजि सचिव ने जो उन की वेषभूषा देखी तो चकरा गया। सोचा यह साक्षात व्यास मुनि का भूत कहाँ से चला आ रहा है। निजि सचिव ने एक व्यक्ति को भेज कर प्रेस के लिए आरक्षित गेस्ट हाउस का एक कमरा उन के लिए खुलवा दिया। हिदायत दी मैं काम में भूल सकता हूँ इस लिए सुबह शाम याद दिलाते रहना। एक दो दिन में साक्षात्कार अरेंज करवा दूंगा। पर एक शर्त पर कि हीरो जी मिलें तो उन से मेरी तारीफ जरूर कर दीजिएगा। कमरे पर पहुँचाने वाले आदमी ने स्विच बोर्ड पर लगा औरेंज कलर का बटन दिखाया। किसी चीज की जरूरत हो तो इसे दबाइएगा। जो चाहेंगे वही हाजिर कर दिया जाएगा। सूत जी समझ गए कि यह सब चुनाव काल की कृपा है, जिस दिन चुनाव अंतिम हुए और गेस्ट हाउस खाली करा लिया जाएगा। खैर अपने को करना भी क्या है? साक्षात्कार हुआ और अपन सटके। दूसरे एण्टी हीरो भी तो तलाशने हैं।
हे, पाठक!
सूत जी महाराज ने दो दिन तक मुफ्त आतिथ्य का सुख भोगा। वहाँ सब कुछ था। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे इंद्र लोक के किसी अतिथिगृह में ठहरे हों। तीसरे दिन निजि सचिव ने बताया कि आप के साक्षात्कार की व्यवस्था हो गई है। हीरो जी कल सुबह दक्षिण भारत के दौरे पर जा रहे हैं। आप उन के साथ प्लेन पर होंगे और हवाई यात्रा के बीच ही उन का साक्षात्कार ले सकेंगे। इस के अलावा कोई और समय साक्षात्कार के लिए हीरो जी के पास नहीं है। आप अपने इंस्ट्रूमेंट्स संभाल कर ले जाना। शाम को प्लेन आप को वापस यहीं छोड़ देगा। आप चाहेंगे तो आप को नेमिषारण पहुँचाने की व्यवस्था कर दी जाएगी। सूत जी बोले अभी इलेक्शन तक इधर ही रुकने और दो चार राज्यों में जाने का कार्यक्रम है। इस लिए दिल्ली में ही छोड़ दें तो ठीक रहेगा।
आज की कथा यहीं विराम लेती है, कल हीरो जी के हवाई साक्षात्कार की कथा होगी, पढ़ना विस्मृत मत करिएगा।
बोलो! हरे नमः, गोविन्द, माधव, हरे मुरारी .....
11 टिप्पणियां:
ये हीरोजी का हवाई इंटरव्यू तो चैनलों के बीच भटकते-भटकते हमने भी एक बार देखा था... वैसे तो टीवी मैं देखता ही नहीं. सूतजी के सवालों और हेरोजी के जवाबों की प्रतीक्षा रहेगी.
जैसे जैसे चुनाव परवान चढ़ रहा है, सूतजी महाराज भी चालू होते जा रहे हैं...
सही है.. लोकानुलोका गतिः
साक्षात्कार के जलवे देखते हैं कैसे रहते हैं...
हरे नमः, गोविन्द, माधव, हरे मुरारी .
हमेँ तो ये "जनन्तर - कथा ' बहुत पसँद आयी है दीनेश भाई जी ..
सूत जी की जय हो !!
बहुत बढिया चल रही है जनतन्तर कथा. कल के हवाई हमले..माफ़ करियेगा हवाई इंटर्व्यु का इंतजार रहेगा.
जन्तन्तर अनन्त इसकी कथा अनन्ता
कहहीं द्विवेदीजी सुने सब ब्लागर संता.
हरे नमः, गोविन्द, माधव, हरे मुरारी
रामराम.
जारी रहे यह जन्तन्तर कथा ...
निजि सचिव ने जो उन की वेषभूषा देखी तो चकरा गया। सोचा यह साक्षात व्यास मुनि का भूत कहाँ से चला आ रहा है। ....
wah !!
niyamit pathak hoon..
..comment kabhi kabhi kar pata hoon..
agli kadi ka intezaar rehega..
सूत जी की जय हो.
dwij ji
namaskar
kya khoob likha hai , waah waah , man prasan ho gaya saheb .. jai ho
vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com
अब तो हवा हवाई इंटरव्यू की प्रतीक्षा
सुंदर चल रही है आपकी जनतन्तर कथा.
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