@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Yatra+Oney=swap'); अनवरत: आज कद्दू खाएँ, कद्दू दिवस मनाएँ

सोमवार, 29 सितंबर 2008

आज कद्दू खाएँ, कद्दू दिवस मनाएँ

मुझे कल ही पता लगा कि आज के दिन यानी 29 सितम्बर को भारत में गरीब की सब्जी कहे जाने वाले फल  कद्दू के लिए कद्दू-दिवस मनाया जाता है। आकार में सब से विशाल होते हुए भी इस फल को अक्सर बड़ी ही बेचारगी से देखा जाता है। लेकिन यह बहुत गुणकारी है। वैसे आज कल हमारे यहाँ कद्दू पखवाड़ा चल रहा था जिस का समापन आज 29 सितम्बर को होना है।
आज कल श्राद्ध-पक्ष चल रहा है। इन दिनों की खास डिश जो घरों में बनाई जाती है वह चावल की खीर और मालपुए हैं। इस के साथ उड़द दाल की कचौड़ी या बेड़ई, या इमरती जरूर होती है। सब्जियों में आलू सदा बहार है। मगर मालपुए बने हों तो कद्दू की सूखी सब्जी के बिना उन का स्वाद अधूरा रह जाता है। नतीजा यह है कि इन दिनों सब से सस्ती सब्जी होते हुए भी कद्दू का भाव दूसरी सब्जियों को छूने लगता है। परसों सब्जीमंडी की सैर हुई धर्मपत्नी जी के सौजन्य से। जो सब्जी वाले मोहल्ले में आ रहे थे वे कद्दू ले कर आ ही नहीं रहे थे। इक्का दुक्का ले कर आ रहे थे वे गहरे पीले रंग का कद्दू ला रहे थे वह श्रीमती जी को पसंद नहीं था, स्वादिष्ट जो नहीं होता। हम मंडी से कद्दू लाए 15 रुपए किलो। जब कि दूसरा अधिक पीला या केसरिया रंग वाला 8 रुपए किलो बिक रहा था। वाकई कल कद्दू की सब्जी को सराहा गया। एक- दो लोग जो इस के नाम से ही चिढ़ते थे उन्हें आग्रह के साथ खिलाया गया तो वे भी इस का लोहा मान गए।

यह स्वादिष्ट तो है ही गुणकारी भी बहुत है। कद्दू हृदयरोगियों के लिए लाभदायक यह फल कोलेस्ट्राल कम करता है, पेट की गड़बड़ियों को ठीक रखता है इसी कारण शायद मालपुओं जैसे भारी खाने के साथ इस की जुगलबंदी हो गई है। शर्करा नियंत्रक होने के कारण मधुमेह रोगियों के भी बड़े काम का है।  इस में विटामिन ए का स्रोत बीटा केरोटीन मौजूद है। इस के बीजों में आयरन, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम होने से बड़े काम के हैं।अधिक जानकारी के लिए बड़े काम की चीज है कद्दू अवश्य पढ़ें।अमरीका में पैदा हुआ यह फल आज विश्व नागरिक बन पूरी दुनिया की सेवा में लगा है। आप से आग्रह है आज जब श्राद्ध पक्ष का समापन है और सर्वपितृ श्राद्ध है कद्दू को भोजन में किसी भी रूप में इस्तेमाल करें और कद्दू दिवस भी साथ मनाएँ।

21 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

अमरीका, कनाडा में कद्दू दिवस ३० अक्टूबर को हेलोविन के रुप में मानाया जाता है, उपर की सारी तस्वीरें भी शायद उसी पर्व की हैं..Trick or Treat कह कर बच्चे घर घर घूमते हैं और उन्हें सब टाफी और कैन्डी देते हैं.

Satyendra Prasad Srivastava ने कहा…

अच्छी जानकारी दी है आपने। आभार

Smart Indian ने कहा…

जब पहली बार अमेरिका आया तो पित्रपक्ष के ठीक बाद यहाँ आत्माओं के धरा पर आगमन के प्रतीक हैलोवीन पर्व से सामना हुआ. तरह तरह की भुतहा वेशभूषा में "हमारा टेसू यहीं खड़ा" की तर्ज़ पर "ट्रिक और ट्रीट, गिव मी समथिंग गुड टू ईट..." गाते हुए बच्चों की कद्दू-टोकरी को टॉफी, चोकलेट से भरते हुए मुझे सहज ही याद आया कद्दू और पूर्वजों की आत्मा का सम्बन्ध.

PD ने कहा…

मुझे तो कद्दू बहुत पसंद है.. वैसे अमेरिका के होलोविन पर्व के बारे में हम भी सुन चुके हैं आपके कई दोस्तों से.. :)

Arvind Mishra ने कहा…

भाई यह पोस्ट कैसे कल नहीं देख पाया =कद्दू =कोहडा ब्राह्मणों का प्रिय खाद्य है -एक रोचक सम्बन्ध नही है मृतकों की स्मृति में भोज्य पदार्थों -तेरही आदि में इसकी अनिवार्य उपस्थिति -क्या यह ग्लोबल फेनामेनन है?

उन्मुक्त ने कहा…

कद्दू तो मेरे पसन्द की सब्जी है।

डा. अमर कुमार ने कहा…

.

कद्दू दिवस ! आनन्दम आनन्दम...
कभी एक पोस्ट लिखी थी भारत एक दिवसप्रधान देश है...
पर मुझ् हतभगी के सूक्ष्म खोपडी में यह विचार क्यों न आया ?
डायनिंग टेबल पर कटने के इंतज़ार में रखा कद्दू मुँह चिढ़ा रहा है..
टके का आदमी मुझ 20 रूपये किलो के कद्दू का मज़ाक बना रहा है..
बाभन जिमाने को मुझे कल हेरता फिर रहा था ।
यह ब्राह्मण लोग इतने कद्दूप्रेमी क्यों हुआ करते हैं जी ?

This Comment has been claimed by " Chitthacharcha "
too, hence it is being shared by Shri Shukla ji also.
I have a NOC from " Kaddu Maharaj " itself !
Hee.. Hee... Hee..
क्षमा करना पाठकों, अपने अतिसंवेदनशील मित्र के
पोस्ट पर गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी जा रही थी, इसलिये..
इससे पहले के दो को उड़ाना पड़ा ।

सुमन जिंदल ने कहा…

कद्दू की कोई पाक विधि किसी के पास हो तो कृपा कर हमारे साथ शेयर करे

Satish Saxena ने कहा…

द्विवेदी जी !
ज्ञान दत्त भाई के आलू के बाद आपके कद्दू देखे ! मैं जब से ब्लाग जगत में आया हूँ , आप दोनों अग्रजों को बड़े ध्यान से पढता रहा हूँ ! अब बैंगन पर गीत लिखने की सोचने लगा हूँ....

Smart Indian ने कहा…

कद्दू की पाक विधि for सूत्रधार taken from Internet

Ingredients:
1 Kaddu
1 tsp each of Kalonji(Nigella seeds),Saunf(Fennel seeds) and Jeera(Cumin seeds)
1/4 tsp turmeric powder
1/2 tsp chilli powder
1 tsp amchur powder (dry mango powder)
1 tblsp oil
Salt to taste
Using a sharp knife cut off the ends. Make a cut where the neck meets the bottom. Cut the bottom in half. Scoop out the seeds and fibres. Now carefully remove the skin and cut in cubes. Heat oil in a pan. Add jeera, kalonji and saunf. Add squash,turmeric,chilli and amchur powder. Add 1/4 cup of water and salt. Cover and cook till all the water is absorbed and the squash is tender. Serve it with Puri.

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

कद्दू तो सप्ताह में तीन दिन की अनिवार्यता है सब्जी के रूप में। और उसके अलावा यदा कदा दाल में भी डाल दिया जाता है कद्दू।
घर से पूछता हूं - क्या बना है? जवाब मिलता है - कूष्माण्ड!

रंजू भाटिया ने कहा…

""लगा स्वाद मीं के कद्दुए दा"" ...डोगरी में यह बहुत प्रसिद्द गाना है :) कद्दू पसंद है मुझे भी बहुत .. यह जानकारी और चित्र बहुत अच्छे लगे

mamta ने कहा…

कद्दू दिवस तो पहली बार सुना पर अच्छा लगा पढ़कर ।
हमारी पसंदीदा सब्जी तो नही है पर दाल भरी पूड़ी के साथ खाने मे बहुत अच्छी लगती है कद्दू की सब्जी।

विष्णु बैरागी ने कहा…

आपका यह आलेख पढकर बडी ताकत मिली । मुझे कदद्ू की सब्‍जी बहुत पसन्‍द है लेकिन मेरे अंचल में इसे अत्‍‍यधिक हेय द़ष्टि से देखा जाता है । कहा जाता है - जिसे कुछ न मिले खाने को, वह खाए कदद्ू ।
आपने मेरे हीनता बोध को कम किया । भगवान आपका भला करे ।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

सर जी बहुत बढिया ! यहाँ तो कद्दू की विधी तक भी मिल गई !
अमावस और खीर और कद्दू की सब्जी, साथ में मालपुए ! बस
सर जी
आत्मा प्रशन्न हो गई !

Ashok Pandey ने कहा…

हमारे इलाके में कद्दू लौकी को कहा जाता है, जो हरे रंग का और लंबे या गोल आकार का होता है।
यहां जो चित्र दिए गए हैं, उन्‍हें हमारे यहां कुम्‍हड़ा अथवा सीताफल या काशीफल कहा जाता है। कद्दू कुम्‍हड़ा को भी कहा जाता है, यह आपकी पोस्‍ट से ही जाना। शब्‍दकोश देखा तो इसकी पुष्टि भी हो गयी। इस जानकारी के लिए बहुत बहुत आभार।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

मैँने सृजन गाथा पर हेलोइन पर लिखा है और मेरे जाल घर पे भी है

लौकी को गुजराती लोग दूधी कह्ते हैँ :-)पारसी "धानशाक : मेँ काशीफल और मेती की भाजी और वाल की दाल अवश्य पडती है
और मैँ अक्सर काशीफल, सिमला मिर्च आलू और कच्चे पके टमाटर की रसेवाली सब्ज़ी बनाती हूँ - जिसकी रेसिपी है -सूत्रधार जी नोट करेँ
सभी सब्जियोँ को चौकोर टुकडोँ मेँ काट लेँ, सबसे पहले काशीफल, फिर आलू और १० मिनिट के बाद सिमला मिर्च और आखिर मेँ टमाटर
डालेँ -बघार मेँ, मेथी दाने,(पीलीवाली), हीँग लाल मिर्च,हल्दी,डालेँ..सब्जी को हल्की आँच पर चढायेँ बार हिलाने से टूट जायेगी -अँत मेँ नीँबू
का रस निछोड देँ धनिया बारीक कटा छिडक देँ ( अगर पसँद हो तो)और पूडी और रायते के साथ खायेँ
- लावण्या

सुमन जिंदल ने कहा…

yae sab receipe daal roti chaawal blog par praeshit karey sutrdhaar ki vintii haen

बेनामी ने कहा…

अच्छा याद दिलाया - मेरे घर में कई दिनों से कद्दू पड़ा हुआ है. आज जा के रात को बनाऊंगा. अच्छी जानकारी बढ़ी.

हिन्दुस्तानी एकेडेमी ने कहा…

आप हिन्दी की सेवा कर रहे हैं, इसके लिए साधुवाद। हिन्दुस्तानी एकेडेमी से जुड़कर हिन्दी के उन्नयन में अपना सक्रिय सहयोग करें।

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सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरि नारायणी नमोस्तुते॥


शारदीय नवरात्र में माँ दुर्गा की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों। हार्दिक शुभकामना!
(हिन्दुस्तानी एकेडेमी)
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'' अन्योनास्ति " { ANYONAASTI } / :: कबीरा :: ने कहा…

द्विवेदी जी; धन्यवाद ,आपका कद्दूनामा उसी तरह स्वादिष्ट लगा जिस प्रकार लगातार गारिष्ट भोजन [महा प्रतिबद्ध सैद्धांतिक ,अति भडासी एवं लंगडी मार लेखों ]मिलने के बाद जैसे सादा दाल चावल के साथ साथ स्वादिष्ट रायता या चटनी मिल गयी हो |
इस से अपने भतीजे ,जो ताऊ जी के बजाये मुझे आऊ जी बचपन से पुकारता है की बात याद आ गयी ,एक दिन उस को कद्दू जो ,वह नही खाता
था खाते देख कर मेरे पूछने पर उसने कहा 'मैं सोना (स्वर्ण )खा रहा हूँ ,!!!?, ये कद्दू पर पीली चित्तियाँ ईसी लिए पड़तीं हैं ' मुझे हसीं आगई थी और दो दिन पूर्व आप का कद्दूनामा पद कर फ़िर से "वही " हसीं आगई थी |