बहुत भला है
जहाँ अभी हाल के बरसों में
बुझ गए हों अनेक दीपक
महामारी से मरने वालों की संख्या
कम पड़ गई हो
आत्महत्या करने वालों से
उस देश का राजा सदा निन्दनीय रहेगा
इतिहास में
ये दीपमालिकाएं,
चुंधियाती रोशनी वाले लाखों लाख बल्ब
नहीं मिटा पाते अमावस का अंधकार
वह और गहराता जाता है.
तब,
एक दिए का जलना
बहुत भला है.
3 टिप्पणियां:
जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार(१९-११-२०२१) को
'प्रेम-प्रवण '(चर्चा अंक-४२५३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
बहुत सुंदर
बेहतरीन रचना शुभकामनाएं
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