बीजी जोशी,
हॉकी स्क्राइब
भारत
और नीदरलैंड्स के बीच लंदन ओलिम्पिक की हॉकी स्पर्धा में भिड़ंत भारतीय समयानुसार आज शाम 8.30 बजे रिवरबैंक
एरिना में होगी। आठ वर्ष बाद ओलिम्पिक में वापसी करने वाली भारतीय टीम अपने अभियान की
अच्छी शुरुआत कर पुराना गौरव हासिल करने की कोशिश करेगी। इस मैच का लाइव टेलीकास्ट ईएसपीएन पर देखा जा सकता है।
वर्ष 1996 और 2000 ओलिम्पिक की स्वर्ण विजेता नीदरलैंड्स एकमात्र टीम है जिसने भारत के बाद लगातार ओलिम्पिक स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले हैं। भारत ने 1928 से 1956 तक लगातार ओलिम्पिक स्वर्ण जीते थे लेकिन अब वह पिछले 32 वर्षों में पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए जूझ रहा है।
भारत ने पिछला स्वर्ण बहिष्कार से प्रभावित 1980 मॉस्को ओलिम्पिक में जीता था। महिला टीम को अगर शामिल कर लिया जाए तो नीदरलैंड्स ने किसी भी अन्य देश से अधिक 14 ओलिम्पिक हॉकी पदक जीते हैं। भारतीय पुरुषों के नाम आठ स्वर्ण के अलावा एक रजत और दो कांस्य से कुल 11 पदक हैं। भारतीय टीम नीदरलैंड्स के प्रमुख हथियार ट्यून डिनायर से सतर्क रहेगी, जिन्हें सैंकड़ों अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है और वे अपना पाँचवाँ ओलिम्पिक खेल रहे हैं।
वर्ष 1996 और 2000 ओलिम्पिक की स्वर्ण विजेता नीदरलैंड्स एकमात्र टीम है जिसने भारत के बाद लगातार ओलिम्पिक स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले हैं। भारत ने 1928 से 1956 तक लगातार ओलिम्पिक स्वर्ण जीते थे लेकिन अब वह पिछले 32 वर्षों में पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए जूझ रहा है।
भारत ने पिछला स्वर्ण बहिष्कार से प्रभावित 1980 मॉस्को ओलिम्पिक में जीता था। महिला टीम को अगर शामिल कर लिया जाए तो नीदरलैंड्स ने किसी भी अन्य देश से अधिक 14 ओलिम्पिक हॉकी पदक जीते हैं। भारतीय पुरुषों के नाम आठ स्वर्ण के अलावा एक रजत और दो कांस्य से कुल 11 पदक हैं। भारतीय टीम नीदरलैंड्स के प्रमुख हथियार ट्यून डिनायर से सतर्क रहेगी, जिन्हें सैंकड़ों अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है और वे अपना पाँचवाँ ओलिम्पिक खेल रहे हैं।
बीजी जोशी, हॉकी स्क्राइब |
भारतीय टीम के कोच माइकल नॉब्स ने
कहा -नीदरलैंड्स की टीम काफी आक्रामक है और हमें सीखना होगा कि उसे किसी तरह का
मौका नहीं दें। हम ओलिम्पिक की तैयारियों के लिए कई तरह की चुनौतियों से जूझे हैं
और खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत की हैं। नीदरलैंड्स की टीम अच्छी है लेकिन भारतीय
बेहतरीन खेल दिखाने को प्रतिबद्ध हैं। भारतीय टीम के कप्तान भरत छेत्री ने कहा -हम
अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं।
अच्छी
शुरुआत,
आधी जीत को चरितार्थ करने हेतु आज भारत के समक्ष सशक्त नीदरलैंड्स
को हराने का हिमालयी लक्ष्य है। नीदरलैंड्स के कोच को उभरते विशेषज्ञ रॉडरिक
वेउस्थाप (141 मैच में 69 गोल) व दुनिया के सर्वाधिक अनुभवी टयून डिनायर (446 मैच
में 214 गोल) पर भरोसा है।
डिफेंस भारत का कमजोर पक्ष है। कप्तान व गोलकीपर भरत छेत्री हवाई गेंदों को सुरक्षित बाहर फेंक देते हैं पर सतह पर सरपट दौड़ती गेंद को उनके पैर क्लियर नहीं कर पाते। ऐसे में डीप डिफेंडर्स को अत्यधिक सजगता से खेलना होगा। फॉरवर्ड्स को मिले मौके भुनाने ही होंगे। उम्मीद है कि संदीप सिंह तथा रघुनाथ पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर टीम को संजीवनी देंगे। भारत की डगर मुश्किल दिख रही है, लेकिन असंभव नहीं।
डिफेंस भारत का कमजोर पक्ष है। कप्तान व गोलकीपर भरत छेत्री हवाई गेंदों को सुरक्षित बाहर फेंक देते हैं पर सतह पर सरपट दौड़ती गेंद को उनके पैर क्लियर नहीं कर पाते। ऐसे में डीप डिफेंडर्स को अत्यधिक सजगता से खेलना होगा। फॉरवर्ड्स को मिले मौके भुनाने ही होंगे। उम्मीद है कि संदीप सिंह तथा रघुनाथ पेनल्टी कॉर्नर पर गोल कर टीम को संजीवनी देंगे। भारत की डगर मुश्किल दिख रही है, लेकिन असंभव नहीं।
Ø यह भारत का 187 वाँ टूर्नामेंट है व 19 वाँ ओलिम्पिक।
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Ø अब तक 1455 मैच भारत ने खेलकर 814 जीते हैं।
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Ø 59 देशों के
खिलाफ भारत खेला है। नीदरलैंड्स के
खिलाफ 93 मैचों में भारत ने 30 जीते,41 हारे तथा 22
ड्रॉ खेले हैं।
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Ø टर्फ हॉकी पर
नीदरलैंड्स भारी है, उसने खेले गए 60
मैचों में भारत को 39 में हराया है।
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Ø भारत ने मात्र 11
जीते तथा 10 ड्रॉ रहे।
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Ø ओलिम्पिक की 10
भिड़ंतों में भारत ने 7 जीते, 2 हारे व 1 ड्रॉ
खेला।
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4 टिप्पणियां:
भारतीय टीम को ढेरों शुभकामनायें।
फ़िर तो आज देखते हैं, कि क्या होता है !
लीजिये उन्होंने तो उसे असम्भव ही बना दिया , सुरुआत ही हार के साथ , आज मिला जुला रहा सारा दिन , कास्य पाने की ख़ुशी मनाये या पदक हाथ से निकल जाने का गम |
@ anshumala
यह सही है कि भारतीय हॉकी टीम नीदरलैंड्स से 2 के मुकाबले 3 गोल से हार गई। कल जैसा हॉकी विष्लेषक श्री बीजी जोशी ने लिखा था कि यह मुकाबला कठिन होगा, लेकिन जीतना असंभव नही। आज भारतीय हॉकी टीम के खेल ने दिखा दिया कि उन का सोच सही था। निश्चित ही भारतीय टीम एकजुट हो कर खेली। आक्रमण भी भरपूर किए। यदि उस ने मौके न गँवाए होते तो पहली जीत उन के हाथों में होती। मध्यान्ह के पहले नीदरलैंड्स 2-0 से आगे था। भारत ने मध्यान्ह पश्चात 2 गोल ठोक कर बराबरी हासिल की। लेकिन फिर एक पैनल्टी कॉर्नर दे बैठे। नीदरलैंड की टीम में हर कोई पैनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ है वे यह अवसर कैसे खोते। उस के बाद तो नीदरलैंड समय काटता रहा। खैर! भारतीय अच्छा खेले। इस बार भारतीय हॉकी टीम से मैडल की उम्मीद की जा सकती है।
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