@import url('https://fonts.googleapis.com/css2?family=Yatra+Oney=swap'); अनवरत: प्रशंसा करने के पहले सब के लिए उस की ज्वलनशीलता जाँच लें

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2007

प्रशंसा करने के पहले सब के लिए उस की ज्वलनशीलता जाँच लें

अधिकतर इन्सान एक से अधिक शादियां नहीं बनाते, न आदमी, न औरतें। जो बनाते हैं, उन के अनुभव की जानकारी हमें नहीं। कोई अनुभवी-भुक्तभोगी हो, उसे इस कड़ी से प्रेरणा प्राप्त हो जाए और वह सभी प्रकार के भयों से मुक्त हो कर अपने अनुभव को सांझा करना चाहे तो अपने ब्लॉग का उपयोग कर अन्य ब्लॉगरों-पाठकों को लाभान्वित करे।  कोई उन का आभार मानें या न मानें, मैं जरूर आभारी रहूँगा, बल्कि अभी से हो जाता हूँ।

अब अपने एकल विवाह के अनुभव की बात कहें, (नहीं तो भाई लोग कहेंगे- हमारा पूछता है, पहले अपना तो बता) तो हमारा अनुभव है कि कभी भी अपनी पत्नी के सामने किसी अन्य महिला की प्रशंसा नहीं करना चाहिए, अन्यथा चाय भी पानी हो जाती है। एक-दो बार इस का परिणाम भी भुगत चुके हैं।

हमें नहीं पता था कि सार्वजनिक जीवन में कुछ अन्य लोग भी पत्नियों जैसा व्यवहार कर जाते है, अन्यथा हम अपने इस अनुभव का वहाँ भी प्रयोग करते और मुफ्त में शिकार न बनते।

आज कल चिट्ठाजगत के बहरूपिए की भांति नित्य रंग बदलने से जो असुविधा हो रही है, उससे सभी थोड़े-बहुत परेशान हैं और रोज चिट्ठे पढ़ने के लिए मेरी तरह ब्लॉगवाणी पर निर्भर हैं। बहुत दिनों के बाद हम ने अनवरत पर छोटी सी तुकबन्दी पोस्ट की जो तुरन्त ही ब्लॉगवाणी पर आ भी गई।

इस पोस्ट में चिट्ठाजगत में कल आए एक सुखद परिवर्तन की जरा सी प्रशंसा थी। नतीजा भुगता। पाँच मिनट में ही अनवरत ब्लॉगवाणी  से गायब। इसे क्या कहें?  ईर्ष्या, जलन या और कुछ?  कोई बताएगा?

पर हम इतना जरूर बता दें कि हम अभी भी ताजा चिट्ठों के लिए ब्लॉगवाणी ही देख रहे हैं। हाँ, इतना जरूर सीख गए हैं कि किसी की प्रशंसा करने के पहले यह देख लेना जरूरी है कि यह प्रशंसा किसी के लिए ज्वलनशील तो नहीं। 

3 टिप्‍पणियां:

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

रोचक है। हिन्दी ब्लॉगजगत ईर्ष्या-जलन-द्वेष का पर्याय बनता जा रहा है। आपकी पोस्ट में वर्णित एक तकनीकी लोचा भी हो सकता है या इस प्रकार की कशमकश का परिणाम भी!

आभा ने कहा…

आप की चाय पानी हो जाने वाली बात अच्छी लगी बाकी यह जलनशीलता खुशनशीलता वाली बात अभी व्यक्तिगत है मै नहीं बताऊँगी पर समझ सकती हूँ आप की उलझन .

आभा ने कहा…

आप की चाय ,पानी हो जाने वाली बात अच्छी लगी बाकी यह जलनशीलता खुशनशीलता वाली बात अभी व्यक्तिगत है, मै नहीं बताऊँगी पर समझ सकती हूँ आप की उलझन .