अनवरत
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बुधवार, 9 मार्च 2011
महिलाओं का समान अधिकार प्राप्त करने का संकल्प धर्म की सत्ता की समाप्ति की उद्घोषणा है
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क ल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस था। हिन्दी ब्लाग जगत की 90% पोस्टों पर महिलाएँ काबिज थीं। उन की खुद की पोस्टें तो थीं ही, पुरुषों की पोस्टों ...
34 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 4 मार्च 2011
शमशेर के साहित्य को उन के जीवन और समकालीन सामाजिक यथार्थ की पृष्ठभूमि में समझा जाना चाहिए
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शमशेर जन्म शताब्दी पर कोटा में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी की रपट पि छले माह 12-13 फरवरी को कवि शमशेर बहादुर सिंह की शताब्दी वर्ष पर राजस्थान...
10 टिप्पणियां:
शमशेर रोमांस से आरंभ हो कर जनता के दुख-दर्द और उससे मुक्ति के साथ प्रतिबद्धता की ओर बढ़े
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पि छले माह 12-13 फरवरी को कवि शमशेर बहादुर सिंह की शताब्दी वर्ष पर राजस्थान साहित्य अकादमी और 'विकल्प जन सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित रा...
8 टिप्पणियां:
सोमवार, 28 फ़रवरी 2011
यह निबंध सभी ब्लागरों को पढ़ना चाहिए
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सू क्ष्मतम मानवीय संवेदनाओं को कलात्मक तरीके से अभिव्यक्त करने की क्षमता कविता में होती है। यही विशेषता कविता की शक्ति है। इन संवेदनाओं को प...
14 टिप्पणियां:
अभी ... कविता
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आ ज यहाँ अंबिकादत्त की एक कविता प्रस्तुत कर रहा हूँ। यह कविता कविता के बारे में है। लेकिन जो कुछ कविता के बारे में इस कविता में कहा गया है। ...
17 टिप्पणियां:
रविवार, 27 फ़रवरी 2011
जीवन से विलग हुआ साहित्य महत्वहीन है
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हि न्दी के शब्द 'साहित्य' और अंग्रेजी के 'लिटरेचर' (literature) का उपयोग अत्यन्त व्यापक किया जाता है। मेरे यहाँ कोई सेल्समेन...
14 टिप्पणियां:
शनिवार, 26 फ़रवरी 2011
हर कोई अपनी सुरक्षा तलाशता है, ... साहित्य भी
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म नुष्य ही है जो आज अपने लिए खाद्य का संग्रह करता है। लेकिन यह निश्चित है कि आरंभ में वह ऐसा नहीं रहा होगा। उस के पास न तो जानकारी थी कि खाद...
19 टिप्पणियां:
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