अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 29 जून 2012
अभियान का आखिरी दिन
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स र्किट हाउस तिराहे से अदालत की ओर मुड़ना था पर वहाँ सिपाही लगे थे और सब को सीधे निकलने का इशारा कर रहे थे। सिपाहियों के पीछे सर्किट ह...
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रविवार, 24 जून 2012
किसान और आम जनता की क्रय शक्ति की किसे चिंता है?
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कि सी भी विकासशील देश का लक्ष्य होना चाहिए कि वह जितनी जल्दी हो सके विकसित हो, उस की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो। लेकिन साथ ही यह प्रश्न भी ह...
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शुक्रवार, 22 जून 2012
कचरा दरोगा सप्लाई ठेका
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लो ग कहते हैं। देश कचरे से परेशान है। जिधर जाओ कचरा दिखाई देता है। कोई स्थान इस से अछूता नहीं है। मियाँ जी बेड रूम में लेटे लेटे टीवी दे...
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सोमवार, 18 जून 2012
हमें का हानि?
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बा बूलाल फिटर बिना नागा रोज सुबह साढ़े नौ बजे राधे की पान की दुकान पर पहुँच जाता है। तब पान की दुकान खुली ही होती है। वह पान की ...
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शनिवार, 16 जून 2012
एक चिट्ठी सिम्पल अंकल के नाम
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सिम्पल अंकल, सादर प्रणाम! आ खिर आप ने पहली बार भारतवर्ष के विद्यार्थियों का दर्द समझा है। हम ...
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शनिवार, 2 जून 2012
शिखंडी! गलत जवाब है
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ग लत, गलत, बिलकुल गलत जवाब है! ब च्चे¡ तुम ने सवाल का उत्तर गलत दिया है। चाहते हुए भी तुम्हें नम्बर नहीं दे सकता। तुम्हारे लिए मेरे पास...
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गुरुवार, 31 मई 2012
जनतंत्र का अव्वल नियम
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आ ज कल हर कोई डेमोक्रेसी, मतलब जनतंत्र के हाथ धो कर पीछे पड़ा रहता है। जैसे जनतंत्र न हुआ एवरेस्ट की चुटिया हो गया, जिस पर चढ़ना ब...
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