अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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मंगलवार, 6 अगस्त 2013
भाई ने भाई मारा रे
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महेन्द्र नेह ने पिछले दिनों कुछ पद लिखे हैं, उन में से एक यहाँ प्रस्तुत है। उन के अन्य पद भी आप अनवरत पर पढ़ते रहेंगे। 'पद'...
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सोमवार, 5 अगस्त 2013
प्रेमचन्द की कहानी 'बालक'
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प्रेमचन्द की इस कहानी को ले कर 4 अगस्त के जनसत्ता में किसी 'धर्मवीर' ने अपने लेख "हम प्रेमचंद को जानते हैं" के माध्यम ...
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शनिवार, 3 अगस्त 2013
राजनीति के विकल्प का साहित्य रचना होगा।
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-अशोक कुमार पाण्डे "प्रेमचन्द जयन्ती पर साहित्य, राजनीति और प्रेमचन्द पर परिचर्चा" 'विकल्प' जन-सांस्कृतिक मं...
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बुधवार, 3 जुलाई 2013
धरती पिराती है
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'कविता' धरती के अंतर में धधक रही ज्वाला के धकियाने से निकले गूमड़ हैं, पहाड़ मदहोश इंसानो! जरा हौले से चढ़ा करो ...
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शुक्रवार, 28 जून 2013
मुसीबत गलत पार्किंग की
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कु छ दिनों से एक समस्या सामने आने लगी। मेरे मकान के गेट के ठीक सामने सड़क के दूसरी ओर कोई अक्सर एक गाड़ी पार्क कर जाता है। उस के बाद इतना...
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सोमवार, 24 जून 2013
बहुत भद्द होती है जी देश की
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-शिवराम कैसा चुगद लगता है वह जब चरित्र की बातें करता है देशभक्ति का उपदेश देते वक्त तो एकदम हास...
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गुरुवार, 30 मई 2013
बांझ अदालतें
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मैं 2004 से एक बुजुर्ग महिला का मुकदमा लड़ रहा हूँ। उन के पति ने अपने पुश्तैनी मकान में रहते हुए एक और मकान बनाया था। उसे एक फर्म को किराए ...
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