बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (06-07-2013) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/ चर्चा मंच <a href=" पर भी होगी! सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
कैसा लगा आलेख? अच्छा या बुरा? मन को प्रफुल्लता मिली या आया क्रोध? कुछ नया मिला या वही पुराना घिसा पिटा राग? कुछ तो किया होगा महसूस? जो भी हो, जरा यहाँ टिपिया दीजिए.....
प्रकृति पर विजय की मदांधता है बस
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक कविता.
जवाब देंहटाएंरामराम.
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 04/07/2013 के चर्चा मंच पर है
जवाब देंहटाएंकृपया पधारें
धन्यवाद
लगता भूलों में ही यह, उम्र गुज़र जायेगी !
जवाब देंहटाएंहिमालय को समझते, उम्र गुज़र जायेगी !
आज सब दब गए , इस दर्द के, पहाड़ तले
अब तो लगता है,रोते, उम्र गुज़र जायेगी !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंव्यक्त क्षोभ किसका है समझो...
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन क्रांतिकारी विचारक और संगठनकर्ता थे भगवती भाई - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (06-07-2013) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/ चर्चा मंच <a href=" पर भी होगी!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'