अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शनिवार, 3 अगस्त 2013
राजनीति के विकल्प का साहित्य रचना होगा।
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-अशोक कुमार पाण्डे "प्रेमचन्द जयन्ती पर साहित्य, राजनीति और प्रेमचन्द पर परिचर्चा" 'विकल्प' जन-सांस्कृतिक मं...
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बुधवार, 3 जुलाई 2013
धरती पिराती है
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'कविता' धरती के अंतर में धधक रही ज्वाला के धकियाने से निकले गूमड़ हैं, पहाड़ मदहोश इंसानो! जरा हौले से चढ़ा करो ...
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शुक्रवार, 28 जून 2013
मुसीबत गलत पार्किंग की
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कु छ दिनों से एक समस्या सामने आने लगी। मेरे मकान के गेट के ठीक सामने सड़क के दूसरी ओर कोई अक्सर एक गाड़ी पार्क कर जाता है। उस के बाद इतना...
9 टिप्पणियां:
सोमवार, 24 जून 2013
बहुत भद्द होती है जी देश की
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-शिवराम कैसा चुगद लगता है वह जब चरित्र की बातें करता है देशभक्ति का उपदेश देते वक्त तो एकदम हास...
6 टिप्पणियां:
गुरुवार, 30 मई 2013
बांझ अदालतें
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मैं 2004 से एक बुजुर्ग महिला का मुकदमा लड़ रहा हूँ। उन के पति ने अपने पुश्तैनी मकान में रहते हुए एक और मकान बनाया था। उसे एक फर्म को किराए ...
22 टिप्पणियां:
गुरुवार, 23 मई 2013
राजस्थान में श्रम कानूनों का प्रवर्तन पैरालाइज्ड
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रा जस्थान में श्रमिकों की स्थितियाँ बहुत बुरी हैं। राज्य का श्रम विभाग जो श्रम कानूनों के प्रवर्तन कराने का काम करता था वह पैरालाइज कर दिया...
3 टिप्पणियां:
रविवार, 12 मई 2013
शादी में और क्या होना चाहिए?
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मौ जूदा जरूरत की बीस फीसदी अदालतों में मुकदमे बहुत लंबे चलते हैं। इस बीच मुवक्किल लगातार संपर्क में रहते हैं तो उन से मुहब्बत के रिश्ते ...
5 टिप्पणियां:
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