अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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बुधवार, 31 दिसंबर 2008
महेन्द्र 'नेह' की कविता के 'कल' के साथ, नए वर्ष की शुभ-कामनाएँ !
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2008 के आखिरी दिन से ही नया साल आरंभ हो गया है। सुबह से ही शुभकामनाओं का सिलसिला शुरू हो चुका है! दिन भर जब जब भी समय मिला उन्हें पढ़ा और प्...
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मंगलवार, 30 दिसंबर 2008
अर्धविराम (;), अल्पविराम (,), प्रश्नवाचक चिन्ह(?) और संबोधन चिन्ह (!) कैसे लगाएँ?
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अंतर्जाल के पृष्ठों पर और आम तौर पर ब्लाग पर कभी कभी देखता हूँ कि आलेख का वाक्य समाप्त हो रहा है वहीँ पंक्ति भी समाप्त हो रही है। वहाँ अंत ...
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रोटियाँ ! ज्वार, बाजरा, मक्का और गेहूँ के आटे की रोटियाँ !
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जी हाँ, जब से घर में रोटियाँ बनती देखीं, गेहूँ की ही देखी। बनाने में आसान और खाने में आसान, स्वादिष्ट भी। पर कभी कभी दादी ज्वार की रोटियाँ थ...
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रविवार, 28 दिसंबर 2008
पूँजीवाद, समाजवाद/सर्वहारा का अधिनायकवाद के बहाने
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दिसम्बर 22, 2008 को अनवरत पर एक छोटा सा आलेख था पूँजीवाद और समाजवाद/सर्वहारा का अधिनायकवाद जिस में मैं ने अपने दो वरिष्ठ अभिभाषकों के साथ ह...
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शुक्रवार, 26 दिसंबर 2008
मृग-तृष्णा ही मृग तृष्णाऐं !
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आज के आम मनुष्य को अपनी रोटी कमाने से ले कर जीवन स्तर पर टिके रहने के लिए जिस कदर व्यस्त रहना पड़ रहा है उस में कई सवाल खड़े होते हैं। क्या...
14 टिप्पणियां:
गुरुवार, 25 दिसंबर 2008
पाकिस्तान क्यों युद्ध का वातावरण बना रहा है?
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मैं आज बात तो करना चाह रहा था अपने विगत आलेख पूँजीवाद और समाजवाद/सर्वहारा का अधिनायकवाद के पात्रों आदरणीय गुरूजी सज्जन दास जी मोहता और उन ...
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मंगलवार, 23 दिसंबर 2008
कोटा स्टेशन और तीन महत्वपूर्ण रेल गाड़ियों को विस्फोटकों से उड़ाने की आतंकी धमकी
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देश के महत्वपूर्ण दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर स्थित कोटा रेलवे स्टेशन सहित कोटा मंडल से होकर गुजरने वाली तीन रेलगाडियों को आतंककारियों द्वारा...
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