अब सिपाहियों की ड्यूटी लग जाए और होम गार्ड घरों में दुबके रहें यह तो होना संभव नहीं है। आखिर नागरिक सुरक्षा उपाय तो करने पड़ेंगे। तो कभी कभी ये अल्प विराम (,) महाशय भी इसी तरह पंक्ति के अंत के बजाय अगली पंक्ति के आरंभ में गणपति की भाँति मुस्तैद खड़े नजर आते हैं। कुछ भी हो दृश्य भले ही उटपटांग हो लेकिन चौकसी पूरी दिखाई देती है।
यह होता अनजाने में है। वास्तव में हम ने कम्प्यूटर खरीद लिए हैं, लेकिन टंकण-कला किसी उस्ताद से नहीं सीखी। बस यहीं कसर रह गई। अगर हम टंकण कला किसी उस्ताद से सीखते या दस-बारह रुपए खर्च कर किसी टंकण कला के अभ्यास वाली किताब खरीद कर पढ़ लेते तो काम चल जाता यह ऊटपटांग दृश्य उपस्थित नहीं होता। चलिए किस नियम भंग के कारण ऐसा होता है? उसे बता ही दिया जाए।
नियम यह है कि जब वाक्य पूरा हो तो वाक्य के अंतिम शब्द के अंतिम अक्षर और पूर्ण (।) या अल्पविराम (,) के बीच कोई रिक्त-स्थान याने (स्पेस) नहीं छोड़ा जाए। अल्पविराम (,) लगाने के बाद एक रिक्त-स्थान (सिंगल स्पेस) और पूर्ण विराम (।) के बाद दो रिक्त-स्थान (डबल स्पेस) छोड़ें जाएँ।
अब यदि आप वाक्य समाप्ति के बाद और पूर्ण विराम (।) के पहले एक रिक्त-स्थान छोड़ देते हैं औरवहीं आप के पृष्ठ की चौड़ाई समाप्त हो जाती है तो पूर्ण विराम (।) दूसरी पंक्ति में सब से पहले खड़ा हो जाता है। यही हाल अल्पविराम (,) का होता है। यदि पृष्ट की चौड़ाई समाप्त भी न हो रही हो तो भी आप एक रिक्त-स्थान पूर्ण विराम (।) के पहले छोड़ते हैं और बाद में नहीं, या वहाँ भी एक ही रिक्त-स्थान छोड़ते हैं तो भी पूर्ण विराम (।) समाप्त हुए वाक्य के अंत में लगा हुआ दिखाई देने के स्थान पर शुरू होने वाले वाक्य के पहले दरबान की तरह खड़ा दिखाई देता है।
तो आप याद रखेंगे ना, कैसे लगाने हैं विराम चिन्ह?
- बिना कोई रिक्त-स्थान (स्पेस) छोड़े पूर्ण विराम (।), अर्धविराम (;), अल्पविराम (,), प्रश्नवाचक चिन्ह(?) और संबोधन चिन्ह (!) लगाएँ।
- अर्धविराम (;) व अल्पविराम के बाद एक रिक्त स्थान (सिंगल स्पेस) और पूर्ण विराम, प्रश्नवाचक चिन्ह तथा संबोधन चिन्ह (!) के बाद दो रिक्त स्थान (डबल स्पेस) अवश्य छोड़ें।
नव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएंनीरज
बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने।
जवाब देंहटाएंआभार और नये वर्ष की शुभकामनायें।
दिनेशजी,
जवाब देंहटाएंपूर्णविराम के बाद दो रिक्त स्थान छोडने वाली बात नहीं पता थी। इसका क्या कारण है? मैं तो हमेशा से इसके बाद केवल एक ही रिक्त स्थान छोडता आया हूँ।
आप इन चिन्हों की बात करते हैं? यहाँ तो वर्तनी, व्याकरण की ही कितनी गल्तियाँ कर जाते हैं लोग! और लम्बे लम्बे आलेखों को एक ही पैराग्राफ में समेट दिया जाता है।
जवाब देंहटाएंवैसे बहुत उपयोगी जानकारी दी है आपने।
@ Neeraj Rohilla,
जवाब देंहटाएंपूर्णविराम के बाद दो रिक्त स्थान छोड़ने का कारण यह है कि,
जब हम अल्पविराम के बाद एक स्पेस छोड़ते हैं तो वाक्य वहीं चलता रहता है, जब कि पूर्ण विराम, प्रश्नवाचक और संबोधन के उपरांत वाक्य पूरा हो जाता है। एक रिक्त स्थान पूर्णविराम के लिए और एक वाक्य की समाप्ति के लिए होता है। इस से एक वाक्य और दूसरे वाक्य में दूरी नजर आती है। सुंदरता और स्पष्टता बढ़ जाती है।
उपयोगी और आवश्यक जानकारी के लिए धन्यवाद।ऎसे ही यातायात चिन्हों और आवश्यक नियम कानूनों से भी कभी अवगत कराना आज की पीढ़ी के लिए उपयोगी हो सकता है,जो बाँए से भी ओवरटेक बेहिचक करते हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत काम की बातेँ समझाईँ आपने
जवाब देंहटाएं- लावण्या
जब सभी जाग रहे हैं सरजी,
जवाब देंहटाएंतो हम क्यों न जागें?
बहुत आभार इस पाठ का।
अरे बाप रे... मै ही सब से ज्यादा गलतियां करता हू, ओर आप का लेख पढ कर अब मुझे सचेत हो जाना चाहिये, वेसे तो मै अपनी गल्तिया सुधारने की कोशिश करता हूं, लेकिन कई बार एक शव्द को सुधारने के चक्कर मै पुरी लाईन ही मिट जाती है, तो फ़िर उस लाईन को बीच मै छोड कर नया पेरा शुरु करना पडता है, चलिये आईंदा ध्यान रखूगां.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं
जानकारी के लिए धन्यवाद. जब नियम ही नहीं पता तो उसमें टंकण-कला का क्या दोष? अगर नियम पता है तो टंकण में भी ठीक ही होगा न.
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी !
जवाब देंहटाएंआपने बहुत अच्छा पाठ पढ़ाया है, गुरूदेव। लोग इन बातों को पल्ले बांध कर जितना ज़्यादा अभ्यास करेंगे उतना ही अच्छा होगा --- कुछ ही दिनों में पारंगत हो जायेंगे। आप ठीक फरमा रहे हैं, दिनेश जी, अगर इन चिन्हों की अव्यवस्था होती है तो लेख का सारा ज़ायका तो बदलता ही है, ऊपर से कोफ़त आने लगती है --- कोफ़त मतलब खीज से थोड़ा ज़्यादा, लेकिन सिर दर्द से थोड़ा कम।
जवाब देंहटाएंदिनेश जी, पता नहीं मैं चाह कर भी इन चिन्हों का ध्यान रख नहीं पाता हूं --- भावी पीढ़ी से यही उम्मीद है कि वे बचपन में व्याकरण को अच्छी तरह से पढ़ा करें, क्योंकि कईं बार तो इन चिन्हों के गलत प्रयोग से सारी बात का मतलब ही बदल जाता है।
इतनी बढ़िया बातें सब के साथ साझा करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद --- सीखने को लोग तैयार बैठ हैं --नीरज रौहिल्ला ने तो दौड़ लगाते लगाते ही आप की बात कस कर पल्ले बांध ली है -- और साथ ही में पड़ी पाबला जी की छोटी सेी फटकार ने तो सोने पर सुहागे का काम कर दिया है ।
इन सब बातो को लेकर मैं थोडी सावधानी बरतता था मगर आलसी भी बहुत हूँ.. सो कभी कभी देख कर भी अनदेखा कर देता था.. आगे से कोशिश रहेगी कि ऐसी गलती ना हो.. :)
जवाब देंहटाएंमैं कोशिश तो करता हूं पर इतनी भी कोशिश नहीं करता कि पूर्ण विराम के बाद दो स्पेस छोड़ दूं. आगे से सुधार लूंगा.
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी के लिये धन्यवाद.
मैं खड़ी पाई (।) के स्थान पर बिन्दू (.) का प्रयोग करता हूँ, क्योंकि मैं इसका समर्थक रहा हूँ.
जवाब देंहटाएंआपने सही लिखा है.
उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी. मुझे भी '|' की जगह पर '.' प्रयोग करने की आदत है.
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.
उपयोगी और आवश्यक जानकारी के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की आप और आपके समस्त परिवार को शुभकामनाएं.
First of All Wish U Very Happy New Year....
जवाब देंहटाएंGyan vardhan lekh....
Esi tarh ke lekho ka hame entajar rahega...
Regards..
लाजवाब जी! अब हमको तो जि्दगी मे पहले बार काम पड रहा है हिन्दी मे लिखने का! सो अब आपको ही गुरु मान कर काम काज शुरु कर देते हैं! जरा गुरुजी इस टीपणि की टंकण कला मे देखिये जी क्या गलती है? हमारी असली गलती आपने बता दी सो हमने इसी टिपणि से ही सुधारने की कोशीश शुरु करदी है!
जवाब देंहटाएंनये साल की घणी रामराम !
एक सवाल और! मुझे पुर्नविराम की जगह १ को शिफ़्ट की दबाकर प्रयोग की आदत पड गई है! जैसा यहां आप देख पारहे होंगे! क्या ये ठीक है?
जवाब देंहटाएंदुसरे पुर्णविराम की जगह (.)फ़ुल स्टोप यह प्रयोग किया जाये तो कैसा लगता है और इसके क्या मायने हैं?
आशा है जवाब मिलेगा!
और एक सवाल है, कि आखिरी अक्षर और पुर्णविराम के बीच स्पेस नही देने पर पुर्णविराम उसमे घुसा हुआ सा दिखाई देता है! जैसा यहां दिख रहा है! आपकी राय गुरुजी?
रामराम!
नव वर्ष के आगमन पर मेरी ओर से शुभकामनाएं स्वीकार कर अनुग्रहीत करें
जवाब देंहटाएंअच्छा बताया आपने। हम तो अटकल वाले आदमी हैं। इसी तरह की पोस्ट से चुगते हैं काम की बात।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
आभार और नये वर्ष की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंनए साल की हार्दिक शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंइस जबरद्स्त जानकारे के लिये दिल से शुक्रिया द्विवेदी जी. पूरी कोशिश करूंगा इन निर्देशों पे उतरने की.
जवाब देंहटाएंनये साल की आपको समस्त शुभकामनायें...आने वाले साल में भी यूं ही हमें नयी-नयी बातों से अवगत करवाते रहिये...
bahut upyogi lekh hai.. dhanyawaad.
जवाब देंहटाएंnav varsh par hardik shubhkaamnaye
शानदार है। लेकिन पूर्णविराम के बाद दो स्पेश छोड़ने की बात की पुष्टि की जा रही है। हम लोग जब निरन्तर का काम करते थे तब यही बताया गया था कि पूर्णविराम के बाद एक स्पेश छोड़ना है।
जवाब देंहटाएंभाषा के प्रति अनुत्तरदायी हो जाने की सीमा तक की असावधानी (उच्छृंखलता)बरतने वाले इस समय में आपने इन 'छोटी-छोटी बातों' को अपनी पोस्ट का विषय बना दिया । क्या हो गया है आपको ? आप, सबके लिए कठिनाई पैदा कर रहे हैं । चलने दीजिए जैसा चल रहा है ।
जवाब देंहटाएंवाक्य की समाप्ति पर, वाक्य के अन्तिम शब्द और पूर्ण विराम के बीच स्पेस नहीं देने के लिए आपका तर्क और उसका औचित्य मुझे समझ में नहीं आ रहा है । दो वाक्यों के बीच डबल स्पेस देना, व्याकरण की मांग है अथवा सुन्दरता और स्पष्टता बढाने की चाहत ?
इसी प्रकार, वाक्य के अन्तिम शब्द और पूर्ण विराम के बीच स्पेस न देने के लिए व्याकरण का कोई नियम है अथवा सुन्दरता बढाने का ही आग्रह ? सम्भव हो तो बताइएगा अवश्य क्योंकि हम लोगों को तो 'सुन्दर लेखन' और 'शुध्द लेखन' वाले समय से ही, वाक्य के अन्तिम शब्द और पूर्ण विराम के बीच एक स्पेस देने का पाठ पढाया गया है जिस पर मैं तो अब तक आंख मूंदकर अमल कर रहा हूं, जैसा कि आप यहां भी देख रहे हैं ।
इस बारे में मैं ने कुछ विद्वानों से बात की थी । उन्होंने, एक स्पेस रखने को उचित तथा वैयाकरणिक शुध्दता बताते हुए जानकारी दी कि स्पेस हटाने का काम अखबारों ने शुरु किया है जिससे टाइपिंग की गति बढे और उनके कर्मचारी कम समय में अधिक काम कर सकें ।
इस विषय को यहीं समाप्त मत कीजिएगा ।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपके बताये चिन्ह को ही नहीं पर बिना जगह छोड़े व्याकरण के सारे चिन्हों को इसी प्रकार लगाना चाहिये। आपने quotation marks को छोड़ दिया। यह बात अन्य चिन्हों पर भी लगती है जैसे @, % के चिन्ह।
जवाब देंहटाएंयह साधारण नियम है पर कई चिट्ठाकार बन्धु इसे न तो जानते हैं न ही समझ पाते हैं। मैंने यह गलती अक्सर होते देखी है। मैंने कई जगह टिप्पणी कर लोगो को सही नियम भी बताया है पर कुछ को समझ में नहीं आया। आपने बात को सुन्दर ढ़ंग से लिखा आसानी से समझ में आ रही है।
हांलाकि मेरे विचार से पूर्णविराम के बाद कितनी जगह छोडी जाय यह लिखने वाले पर है पर कम से कम एक जगह छोड़नी चाहिये। मेरे विचार से दो जगह छोड़ना ठीक नहीं है यह बेकार में जगह घेरता है। यह जगह भी कम लेता है।
जहां तक किसी पाठ को जोर से पढ़ने की बात है वहां अर्धविरमा के बाद जितनी देर रुका जाता है उससे कुछ अधिक देर तक पूर्ण-विराम के बाद रुकना चाहिये। यहां पर आपका नियम लागू होता है। यदि आप अर्धविराम के बाद १ सेकन्ड रुकें तो पूर्ण-विराम के बाद २ सेकन्ड तक रुकना चाहिये पर जहां तक मुझे मालुम है यह नियम लिखने में नहीं लागू होता है।
हां बहुत भला भला सा लगा ये ब्लॉग। लिखते रहिए और सिखाते रहिए। नववर्ष की शुभकामनाएं।
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