अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2008
दिवाली अवकाश के बाद पहला काम का दिन
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पाँच दिनों के अवकाश के बाद आज छठे दिन अदालतें खुलनी थीं तो भी खराब हुई आदत मुकाम पर नहीं आई। आज उठना नहीं है क्या? पत्नी की आवाज सुन कर। स...
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गुरुवार, 30 अक्टूबर 2008
किसे बचाने की आवश्यकता है? बैंकों को? नहीं, मनुष्य को?
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कल दो समाचार पढ़ने को मिले जिन्हों ने कार्ल मार्क्स की पुस्तक "पूंजी" को पढ़ने और समझने की इच्छा को और तीव्र कर दिया। अब लगता है उ...
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बुधवार, 29 अक्टूबर 2008
जय जय गोरधन! गीत-हरीश भादानी
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आज गोवर्धन पूजा है। इस मौके पर स्मरण हो आता है हरीश भादानी जी का गीत "जय जय गोरधन !" हरीश भादानी राजस्थान के मरुस्थल की रेत के कव...
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सोमवार, 27 अक्टूबर 2008
पता नहीं उन की दीवाली कैसी होगी?
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कल से ही घर पर हूँ, दीवाली की तैयारियाँ जोरों पर हैं। बिजली वाला बल्ब लगा गया है, कल रात से ही जलने लगे हैं। शोभा (पत्नी) लगातार व्यस्त है प...
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शनिवार, 25 अक्टूबर 2008
लघुत्तम आलेख - मेरे घर दीवाली आ गई है।
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पूर्वा (बेटी) अभी-अभी घर पहुँची है, वैभव (बेटा) परसों दोपहर ही पहुँच चुका था, मेरे घर दीवाली आ गई है। आप सभी को दीपावली पर ढेरों शुभ कामना...
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बुधवार, 22 अक्टूबर 2008
मार्क्स फिर से फैशन में .....
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हसन सरूर लंदन से दी हिन्दू के लिए लिखते हैं ....... पूंजीवाद के वैश्विक संकट के समय कार्ल मार्क्स पश्चिम में फिर से फैशन में लौट आए हैं। ...
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मंगलवार, 21 अक्टूबर 2008
लिव-इन-रिलेशनशिप क्या पसंद का मामला नहीं है?
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मैं ने लिव-इन के बारे में कानूनी पहलू रखे। लेकिन इस संबंध के लिए एक गंभीर और महत्वपूर्ण सोच की तलाश में था। मैं पढ़ता रहा और पढ़ता रहा। मुझे...
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