अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 14 मार्च 2008
भारतीय हॉकी में अमृत की बूंद बची नहीं है, हलाहल कौन पिएगा?
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यह श्री बीजी जोशी का आलेख है। वे तीस वर्षों से भी अधिक समय से लगातार विश्व हॉकी के अध्येता और रिकॉर्ड संग्रह कर्ता हैं। हॉकी का कोई भी खोया ...
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इस सप्ताह की सर्वोत्तम पोस्ट
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आज सुबह - सुबह पूरे हफ्ते का आनन्द प्राप्त हो गया। डॉक्टर अमर कुमार की पोस्ट " जात न पूछ साधो की " पढ़ कर।...
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मंगलवार, 11 मार्च 2008
10 मार्च के दिन को वे राष्ट्रीय शर्म दिवस के रुप में क्यों मनाएँ
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भारत में 10 मार्च के दिन को राष्ट्रीय शर्म दिवस के रुप में मनाया जाना चाहिए। क्यों कि आज यह जानकारी हमें मिली कि भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी ...
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सोमवार, 10 मार्च 2008
10 मार्च राष्ट्रीय शर्म दिवस मनाएँ
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आज 10 मार्च को सभी भारतीय राष्ट्रीय शर्म दिवस मनाएँ। क्यों ? आज संध्या को घोषणा की जाएगी। ..............दिनेशराय द्विवेदी..............
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रविवार, 9 मार्च 2008
“विश्व सुंदरी”
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कल आलेख पोस्ट होने के तुरन्त बाद ही एक और कविता महेन्द्र नेह से प्राप्त हुई। मुझे लगा कि वे इसे कल अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आप तक पहु...
शनिवार, 8 मार्च 2008
महिलाओं पर महेन्द्र “नेह” की कविता और गीत
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महेन्द्र “ नेह ” से आप परिचित हैं। उन के गीत “ हम सब नीग्रो हैं ” और "धूप की पोथी" के माध्यम से करीब दस दिनों से वे घुटने के जो...
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सोमवार, 3 मार्च 2008
शहर न हुए, हो गए ब्लेक होल।
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ब्लेक होल दिनेशराय द्विवेदी शहर, शहर न हुए, हो गए ब्लेक होल, जो भी आता है नजदीक खीच लिया जाता है उस के अन्दर। हाँ रोशनी की किरन तक उस के अन...
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