अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 15 मई 2009
नीली, पीली, हरी लाल सब पर्चियों में एक ही नाम : जनतन्तर कथा (28)
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हे, पाठक! जैसे वामन ने दो चरणों में ब्रह्मांड नाप दिया था, वैसे ही चुनाव आयोग ने पाँच चरणों में भारतवर्ष नाप दिया। मतसंग्राहक यंत्रों में ...
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गुरुवार, 14 मई 2009
बिजली कटौती के बाद
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सुबह उठे, कॉफी पी है। अखबार को श्रीमती जी ले कर बैठ गई हैं। हम ने कम्प्यूटर चालू किया। पढ़ने को चिट्ठे खोले। पहला पढ़ना शुरू किया ही था कि...
13 टिप्पणियां:
तीन घंटे की बिजली कटौती ?
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सुबह उठे, कॉफी पी है। अखबार को श्रीमती जी ले कर बैठ गई हैं। हम ने कम्प्यूटर चालू किया। पढ़ने को चिट्ठे खोले। पहला पढ़ना शुरू किया ही था कि...
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मंगलवार, 12 मई 2009
लालटेन भभका क्यों? मर्दुआ लपका क्यों? : जनतन्तर कथा (28)
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हे, पाठक! अगला दिन राजधानी में मतदान का दिन था। सूतजी सनत के साथ दिन भर राजधानी में मतदान के नजारे करते रहे। राजधानी में अधिक उत्साह दिख...
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रविवार, 10 मई 2009
पादुका प्रहार का फैशन और नयी महापंचायत की चौसर : जनतन्तर कथा (27)
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हे, पाठक! यात्री-निवास पहुँच कर सूत जी ने स्नान-ध्यान किया। भोजनशाला पहुँचे तब वहाँ भोजन का अंतिम दौर चल रहा था। भोजन पा कर वापस अपने कक्...
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शुक्रवार, 8 मई 2009
सूत जी पद्मनाभस्वामी की विश्रामस्थली में : जनतन्तर कथा (26)
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हे, पाठक! विचरण की थकान से निद्रा गहरी आई, उठने का मन नहीं था फिर भी सूत जी ने स्वभावगत् रुप से सूर्योदय पूर्व ही शैया त्याग दी। प्रातःका...
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गुरुवार, 7 मई 2009
माला के मनकों को जुड़ा रखने के लिए मजबूत धागे का सूत्र कहाँ मिलेगा : जनतन्तर कथा (25)
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हे, पाठक! अगली प्रातः सूत जी द्रविड़ चेतना के केन्द्र चैन्नई में थे। सभ्यता विकसित होते हुए भी बर्बर आर्यों से पराजय की कसक को यहाँ जीवित...
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