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गुरुवार, 14 मई 2009

बिजली कटौती के बाद

सुबह उठे, कॉफी पी है।  अखबार को श्रीमती जी ले कर बैठ गई हैं। हम ने कम्प्यूटर चालू किया।  पढ़ने को चिट्ठे खोले। पहला पढ़ना शुरू किया ही था कि बाहर से श्रीमती जी बोल उठीं। 7 बजे से बिजली कटौती है 10 बजे तक। सात बजने वाली है। ..........


.............बस इतना लिखा ही था कि ध्यान कंप्यूटर जी की घड़ी पर गया तो केवल दो मिनट शेष थे।  बिना कोई देरी किए हम ने जितना लिखा था पोस्ट कर दिया। जैसे ही ब्लागर जी ने सूचना दी कि आलेख पोस्ट हो गया है, बिजली चली गई।  हम ने अखबार पढ़ना शुरू किया .... उन्नाव-बरेली, इलाहाबाद-मैनपुरी, बल्लभगढ़-नोएडा और बल्लभगढ़-महारानी बाग की 400 केवी तथा बरेली-पंतनगर और बरेली-दोहना की 220 केवी लाइनों के खंबे बड़ी संख्या में अंधड़ के कारण गिर गए हैं।  जिस से उत्तरी ग्रिड से राजस्थान को मिलने वाली बिजली में अचानक कमी आ गई है।  तकनीकी कारणों से राजस्थान की अनेक इकाइयों में उत्पादन अवरोध के कारण पहले ही बिजली की कमी थी।  अब बिजली की सप्लाई मिलने तक कटौती जारी रहेगी।  राजधानी जयपुर में कितनी कटौती की गई है यह नहीं बताया गया था।  लेकिन संभाग मुख्यालयों पर 3 घंटे, जिला मुख्यालयों पर 4 घंटे, नगरपालिका क्षेत्रों में 5 घंटे और 5 हजार से अधिक की आबादी के कस्बों में 6 घंटे की बिजली कटौती रहेगी।  गाँवों के बारे में क्या निर्णय किया गया बताया नहीं गया है।

वैसे पिछले साल की बरसात के बाद यह पहली बार बिजली की कटौती हुई है।  आज कल सुबह की अदालतें हैं। लेकिन मैं नौ बजे के बाद ही घर से निकलता हूँ।  बिजली कटौती के कारण मैं इस बीच एक दम काम विहीन हो गया।  तसल्ली से घर आने वाले तीनों अखबार पढ़े, स्नान किया, नाश्ता किया और अदालत के लिए रवाना हो गया। एक बजे वहाँ से लौटा हूँ तो फिर से दुनिया से जुड़ पाया हूँ।


बिजली जाने के बाद कुछ देर तो गर्मी का अहसास हुआ। खूब पसीना आया। फिर सब खिड़कियाँ दरवाजे खोले। हवा ठीक चल रही थी।  पसीने संपर्क में आई तो बदन शीतल कर गई।  मुझे बचपन याद आने लगा। क्या क्या स्मृति कोष से निकला? यह आप को बताउंगा तो अजित वडनेरकर नाराज हो लेंगे कि फिर बकलम का क्या होगा?  इस लिए आगे कुछ नहीं लिखूंगा।  उधर दिल्ली में आँकड़े बाजी शुरू हो गई है।  लोग ताक में हैं कि किस पर आँकड़ा डालें? कौन फँस सकता है कौन नहीं? पहले मित्रों के बीच भी विरोधी नजर आते थे। अब विरोधियों के बीच मित्र तलाशे जा रहे हैं।  मैं फिर अतिलंघन कर रहा हूँ, बिजली की बात तो कभी की समाप्त हो चुकी है।  यह जनतन्तर कथा बीच में कहाँ से आए जा रही है।  अच्छा तो चलते हैं। मिलते हैं शाम की सभा में जनतन्तर कथा के साथ।  जै सियाराम !

13 टिप्‍पणियां:

  1. बिजली कटौती ने ब्लोगिंग की स्पीड बढ़वा दी.....२ मिनिट में ही पोस्ट लिख कर फुर्सत हो गए! वाह वाह...

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  2. "मित्रों के बीच भी विरोधी नजर आते थे। अब विरोधियों के बीच मित्र तलाशे जा रहे हैं..."

    सही कहा आपने..

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  3. पंडित जी यहाँ तो किसी भी समय कटौती हो जाती है . सुबह शाम दो दो घंटे तो जरुर बिजली गोल रहती है . बुजली कटौती का खामियाजा ब्लागिंग को भुगतना पड़ता है . अब सोच रहा हूँ एक लाइना पोस्ट शुरू कर दूं .....

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  4. हमारे यहाँ जाती है तो मैं अक्सर कहता हूँ 'बिजली पानी की समस्या पूरे देश की समस्या है... ' आज उसका प्रमाण है आपकी पोस्ट :-)

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  5. वाह
    इस पर भी लिख दिया

    चलिए अच्‍छा है

    वैसे जयपुर में दो घंटे की कटौती है

    अपने यहां नौ से ग्‍यारह बिजली नौ दो ग्‍यारह रही।

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  6. Padhtee to rehtee hun..par aksar chupchaap guzar jaatee hun...aaj hamare shehrme 10 ghante bijalee nahee rehtee..net inverterpe hai...
    Aur any din, Mscb Yaa ab jobhi naam hai, uskee marzee...!

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  7. "God! save me from my friends,I will take care of my enemies...!"

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  8. बिजली गुल पोस्ट से यह जानकारी मिली का आप के बारे में और अधिक जानना है तो बकलमखुद का इतंजार करना पडेगा :)

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  9. एक बार बिजली गायब पर दो बार पोस्ट..वाह जी!!

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  10. बस तीन घंटे का कट ? मुबारक हो.
    एक समय था जब मैं ऊंचाहार (रायबरेली जिला) में था...टी0 वी० और स्टीरियो दोनों ही १२ वोल्ट की कार बैट्री पर चलाता था लेकिन मुझे आज तक नहीं पता कि बेचारा बैटरी वाला कैसे वोह बैटरी चार्ज करके मुझे देता था.. बिजली शायद ५-७ घंटे भी आती हो तो पता नहीं.

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  11. गरमी के मौसम मेँ बिजली जाये तो बचपन भी याद आ जाता है - बकलमखुद का इँतज़ार रहेगा जी !:)
    - लावण्या

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  12. मन्नैं ता लाग्यै, वकील साहब सुबेरे, शाम दो टैम पोस्ट लिखा करैं ।

    और साहब जी तैणें यो लिख्या " "मित्रों के बीच भी विरोधी नजर आते थे। अब विरोधियों के बीच मित्र तलाशे जा रहे हैं..."

    जे बात रजनिती की सै, के ब्लागर की ?
    यो दोनो जगाँ लागू होता दिक्खै !

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