अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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रविवार, 7 फ़रवरी 2010
मीडिया उत्तेजना फैलाने में न्यायालय की अवमानना की भी परवाह नहीं करता
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मी डिया समाचारों के मंतव्यों को बदलता है, यह बात अब छुपी हुई नहीं रह गई है। वह समाचारों को अपने हिसाब से लिखता है जिस से एक विशेष प्रतिक्रि...
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शनिवार, 6 फ़रवरी 2010
खूबसूरत मोर रोता है, अपने पैरों को देख कर
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क ई दिनों से आसमान में बादल छाए थे। लेकिन बरसात नहीं हो रही थी। तालाब सूख चुका था। पानी के लिए तालाब के पेंदे में गड्ढे बना कर काम चलाया जा ...
15 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010
उन्हें अकेला खाने की आदत नहीं है
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पि छले छह दिन यात्रा पर रहा। कोई दिन ऐसा नहीं रहा जिस दिन सफर नहीं किया हो। इस बीच जोधपुर में हरिशर्मा जी से मुलाकात हुई। जिस का उल्लेख पिछल...
18 टिप्पणियां:
रविवार, 31 जनवरी 2010
हरि शर्मा जी से एक मुलाकात
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ए क दिन की जोधपुर यात्रा से आज सुबह लौटा हूँ और अब फिर से सामान तैयार हैं शोभा सहित रवाना हो रहा हूँ, फरीदाबाद के लिए। उसे बेटी के पास छोड़ ...
13 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 29 जनवरी 2010
हिन्दी ब्लागीरी बिना पढ़े और पढ़े हुए पर प्रतिक्रिया किए बिना कुछ नहीं
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श निवार को अविनाश वाचस्पति कह रहे थे कि रविवार को अवकाश मनाया जाए। कंप्यूटर व्रत रखें, उसे न छुएँ। मोबाइल भी बंद रखें। लेकिन रविवार को उन क...
13 टिप्पणियां:
मंगलवार, 26 जनवरी 2010
एक गीत, तीन रंग ....
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आ म तौर पर संगीत सुनने का कम ही समय मिलता है। आते जाते कार में जब प्लेयर बजता है तो सुनाई देता है, या फिर देर रात को काम करते हुए कंप्यूटर प...
12 टिप्पणियां:
वो राहतों के ख़्वाब दोस्तो सलीब हो गये
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ग णतंत्र दिवस की पूर्व संध्या है। हमारे गणतंत्र ने जहाँ से अपना सफर आरंभ किया था वहाँ से अब वह बहुत दूर निकल आया है। क्या थे हालात और क्या ...
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