आइए उन की इस ग़ज़ल को उन्हीं की एक और छोटी बहर की ग़ज़ल के साथ फिर से पढ़ने का आनंद प्राप्त करें .....
आ गए किस मुक़ाम पर
........................पुरुषोत्तम ‘यक़ीन’
सुब्ह काम पर
शाम जाम पर
इश्क़ में जला
हुस्न बाम पर
दिल फिसल गया
‘मीम’ ‘लाम’ पर
रिन्द पिल पड़े
एक जाम पर
ग़ारतें मचीं
राम-नाम पर
आ गए ‘यक़ीन’
किस मुक़ाम पर
शाम जाम पर
इश्क़ में जला
हुस्न बाम पर
दिल फिसल गया
‘मीम’ ‘लाम’ पर
रिन्द पिल पड़े
एक जाम पर
ग़ारतें मचीं
राम-नाम पर
आ गए ‘यक़ीन’
किस मुक़ाम पर
और ...
दुनिया की सब से छोटी बहर की ग़ज़ल
हम चले
..........................पुरुषोत्तम ‘यक़ीन’
हम चले
कम चले
आए तुम
ग़म चले
तुम रहो
दम चले
तुम में हम
रम चले
हर तरफ़
बम चले
अब हवा
नम चले
लो ‘यक़ीन’
हम चले
हम चले
कम चले
आए तुम
ग़म चले
तुम रहो
दम चले
तुम में हम
रम चले
हर तरफ़
बम चले
अब हवा
नम चले
लो ‘यक़ीन’
हम चले
*******************************
लाजवाब !
जवाब देंहटाएंरामराम
आदाब अर्ज़ है. भाईजान ये क्या ले आए."तुम में हम
जवाब देंहटाएंरम चले"
बहुत खूब.हम भी रम गये.
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंमजा आ गया वाह .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
Excellent!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी गजले हैं । चयन को बधाई
जवाब देंहटाएंमै आपके चार अक्ष्रर की कविता देता हू। कविता के लेखक हैं हुक्का बिजनौर।
कविता का शीर्षक है प्रेम ,विवाह परिणाम, महली दो पंक्ति प्रेम को प्रदर्शित करती है। तीसरी विवाह को आैर चौथी परिणाम को
तू
मै
तूमै
तू तू मै मै
निराली ग़ज़ल....निराली पेशकश !
जवाब देंहटाएं==========================
आभार
डॉ.चन्द्रकुमार जैन
अद्भुत ! कल्पना और क्रियाशीलता की पराकाष्टा को इंगित करती ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंअब, मास्टर (पंकज सुबीर) जी स्पष्ट करेंगे कि क्या ये वाकई ग़ज़ल कही जा सकती है?
waah fantastic
जवाब देंहटाएंगजल का आनन्द तो पहले ही ले लिया था । लिम्का बुक आफ वर्ल्ड रेकार्ड्स में उल्ल्ेख होने की सूचना पाकर अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंयकीनजी को बधाइयां पहुंचाइएगा । यह खुश खबर देने के लिए आपको धन्यवाद ।
लाजवाब...जानता हूं इस दर्द को,छोटी बहर को बिठाने का दर्द..
जवाब देंहटाएंयकीन साब को करोड़ों बधाई
मज़ा आगया जी . बढिया है .
जवाब देंहटाएंमान्यवर दिनेश राय द्विवेदी जी सादर नमन| दुनिया की सबसे छोटे बहर की ग़ज़ल आप के मार्फत पढ़ कर बहुत अच्छा लगा| इस विषय पर आप से आगे भी कुछ चर्चा करनी है| मेरा ई मेल पता है:- navincchaturvedi@gmail.com
जवाब देंहटाएंmy blog http://thalebaithe.blogspot.com
भाई पुरुषोत्तम 'यकीन' जो को इतने खूबसूरत आशार के लिए बहुत बहुत मुबारकबाद|
७ और ५ मात्रा की दोनो ही ग़ज़लें बहुत ही खूबसूरत हैं| बहुत बहुत बधाई भाई पुरुषोत्तम जी|
जवाब देंहटाएं३ मात्रा की एक और कोशिश देखने के लिए कृपया यहाँ पधारें|
http://thalebaithe.blogspot.com/2010/12/blog-post_09.html