अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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सोमवार, 9 मार्च 2020
समानता के लिए विशाल संघर्ष की ओर
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तरह-तरह के दिवस मनाना भी अब एक रवायत हो चली है। हमारे सामने एक दिन का नामकरण करके डाल दिया जाता है और हम उसे मनाने लगते हैं। दिन निकल ...
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गुरुवार, 5 मार्च 2020
मजदूर वर्ग के लिए न्याय की समाप्ति
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न्याय की स्थिति बहुत बुरी है। विशेष रुप से मजदूर वर्ग के लिए। आज मेरी कार्यसूची में दो मुकदमे अंतिम बहस के लिए थे। इन दोनों मामलों में प्...
रविवार, 23 फ़रवरी 2020
लागा चुनरी में दाग छुपाऊँ कैसे?
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अमूल्या लियोना गुनहगार है या नहीं, इसे अदालत तय करेगी। अदालत कहे कि वह गुनहगार नहीं तो उसे गुनहगार बताने वाले बड़ी अदालत जाएंगे। वहाँ भी व...
राष्ट्र और राजद्रोह
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राष्ट्र कभी वास्तविक नहीं होता। वह एक काल्पनिक अवधारणा है। यही कारण है कि किसी कानून में और कानून की किताबों में राष्ट्रद्रोह नाम का कोई अप...
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बुधवार, 22 जनवरी 2020
समानता के लिए जनता का संघर्ष फीनिक्स ही है।
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आक्सफेम की ताजा रपट कतई आश्चर्यजनक नहीं है। इस ने आंकड़ों के माध्यम से बताया है कि भारत के एक प्रतिशत अमीरों के पास देश के 70 प्रतिशत लो...
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रविवार, 8 सितंबर 2019
जज
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सबसे बुरा तब लगता है जब जज की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति अपने इजलास में किसी मजदूर से कहता है कि "फैक्ट्रियाँ तुम जैसे मजदूरों के कारण बन...
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शुक्रवार, 6 सितंबर 2019
वैज्ञानिक भौतिकवाद -1 प्राक्कथन -राहुल सांकृत्यायन
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"वैज्ञानिक भौतिकवाद" राहुल सांकृत्यायन की महत्वपूर्ण पुस्तक है, उस में भौतिकवाद को समझाते हुए राहुल जी ने भाववादी दर्शनों क...
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