अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 19 जून 2015
न्याय और कार्यपालिका के बीच शीत गृह-युद्ध
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दे श में शीत गृहयुद्ध जारी है। हमारी न्याय व्यवस्था जर्जर होने की सीमा तक पहुँच गयी है। कहीं कहीं फटी हुई भी है। फटने से हुए छिद्रों को छु...
शनिवार, 13 जून 2015
फर्जी डिग्री
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'लघुकथा' रा मदास सरकारी टीचर हो गया। वह स्कूल में मुझ से चार साल पीछे था। एक साधारण विद्यार्थी जो हमेशा पास होने के लिए जूझता रह...
रविवार, 7 जून 2015
भूत-कथा
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भूत-कथा दिनेशराय द्विवेदी रा त बाथरूम में चप्पल के नीचे दब कर एक कसारी (झिंगूर) का अंत हो गया। चप्पल तो नहाने के क्रम में धुल गयी...
शनिवार, 6 जून 2015
गऊ माँ!
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गऊ माँ बहुत आसान है गाय को माँ कहना अगर आप गाय पालते नहीं हैं आप गाय पालें उस का दूध न निकालें सारा का सारा उस के बछड़ों के ल...
रविवार, 31 मई 2015
‘कहानी’ माप -सृंजय
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‘कहानी’ माप -सृंजय "अ रे...हां, हमारे गाउन का क्या हुआ?'' साहब ने अपने पी.ए. से पूछा. , " 'सर, तब से में दो-तीन दफ...
शनिवार, 23 मई 2015
राजस्थान की पिछड़ी दबंग जातियोंं का दलितों पर जुल्म
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पिछड़े काफी अगड़े है दलित अत्याचार में! -भंवर मेघवंशी द लित पिछड़े वर्ग की एकता का राजनीतिक नारा अब भौंथरा पड़ चुका है, क्योंकि विगत एक ...
शनिवार, 9 मई 2015
क़ायदा-ए-ज़मानत ज़ारी रहे
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स लमान खान को ताजीराते हिन्द की दफा 304 पार्ट 2 में पाँच साल की सजा हुई। सजा देने वाली अदालत को इस सजा को अपील करने के कानूनी वक्त के दौ...
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