अनवरत
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गुरुवार, 9 सितंबर 2010
"मृगतृष्णा" (बुर्जुआ जनतंत्र) यादवचंद्र के प्रबंध काव्य "परंपरा और विद्रोह" का सोलहवाँ सर्ग
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यादवचंद्र पाण्डेय या दवचंद्र पाण्डेय के प्रबंध काव्य "परंपरा और विद्रोह" के पंद्रह सर्ग आप अनवरत के पिछले कुछ अंक...
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बुधवार, 8 सितंबर 2010
अन्न को सड़ने के लिए छोड़ देना कितना जरूरी है?
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भ विष्य के लिए संग्रहीत भोजन ही वह वस्तु है जिस ने मनुष्य को सोचने और बहुत सारे दूसरे कामों को करने की फुरसत बख्शी। यदि उस के पास कुछ दिनों ...
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मंगलवार, 7 सितंबर 2010
उन्हें खाद्यान्न को सड़ाना अधिक पसंद है
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डॉ क्टर मनमोहन सिंह, भारत के प्रधानमंत्री ने कल देश के चुने हुए संपादकों से बात करते हुए बहुत मजेदार बातें कही हैं। मैं उन का अर्थ तलाशने का...
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सोमवार, 6 सितंबर 2010
छप्पन के बचपने का पहला दिन .....
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क ल का दिन अहम तो था ही। आखिर हम सुबह सवेरे जब पाँच बज कर उनचास मिनट में छह सैकंड शेष थे तब जिन्दगी के पचपन साल पूरे कर छप्पनवें में प्रवेश ...
13 टिप्पणियां:
शनिवार, 4 सितंबर 2010
एक पड़ाव यह भी.......
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आ ज उम्र का वही पड़ाव है जिस पर आ कर पिता जी सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हो गए थे। सेवानिवृत्ति के अगले दिन से ही सेवानिवृत्ति की आयु तीन वर...
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गुरुवार, 2 सितंबर 2010
जन्माष्टमी दो दिन क्यों? जानें, चंद्रकलाएँ , तिथि, दिनमान और रात्रिमान .........
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क ल यह तलाशते हुए कि जन्माष्टमी आखिर दो क्यों? हम चांद्रमासों को जानने लगे थे। हम ने जितने भी चांद्र मासों को जाना उन सब का कोई न कोई वैज्ञा...
6 टिप्पणियां:
बुधवार, 1 सितंबर 2010
जन्माष्टमी आज या कल ? //// कितनी तरह के चांद्रमास ?
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कु छ लोग आज कृष्ण जन्माष्टमी मना रहे हैं। कुछ लोग कल मनाएंगे। इस विविधता को ले कर कई लोगों के मन में हिन्दू परंपराओं को ले कर प्रश्न खड़े हो...
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