अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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सोमवार, 8 मार्च 2010
खुशी, जो मिलती है आभासी के वास्तविक होने पर
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क ल रात मैं भोजन कर निपटा ही था कि मोबाइल घनघना उठा। जहाँ मैं था वहाँ सिग्नल कमजोर होने से आवाज स्पष्ट नहीं आती। मैं ने मोबाइल उठाया तो नमस्...
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शनिवार, 6 मार्च 2010
दुर्घटना के मुकदमों में दावेदारों की वकालत का विकास
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अ पनी वकालत का यह बत्तीसवाँ साल चल रहा है। वकालत के पहले दस-बारह वर्षों में यदा-कदा मोटर दुर्घटना में घायल होने या मृत्यु हो जाने के मुकदमे ...
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शुक्रवार, 5 मार्च 2010
खिन्नता यहाँ से उपजती है
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दो दिन कुछ काम की अधिकता और कुछ देश की न्याय व्यवस्था से उत्पन्न मन की खिन्नता ने न केवल अनवरत पर अनुपस्थिति दर्ज कराई, पठन कर्म भी नाम मा...
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मंगलवार, 2 मार्च 2010
अनुभवी सीख : शिवराम की एक अनोखी कविता
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क ल के आलेख में मैं ने शिवराम की व्यंग्य कविता का उल्लेख किया था। जो उन्हों ने सूर्य कुमार पांडेय के सानिध्य में होली के दिन हुई काव्य गोष्ठ...
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सोमवार, 1 मार्च 2010
भांग की तरंग होली के चित्रों के संग
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हो ली की पूर्व संध्या पर काव्य-मधुबन के कार्यक्रम फुहार2010 में सूर्यकुमार पाण्डेय को ग्यारहवाँ व्यंग्य श्री सम्मान प्रदान किया गया। इस समार...
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होली के दिन का फिर हमें है इन्तज़ार
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ह मारे शायर दोस्त पुरुषोत्तम ‘यक़ीन’ हर साल बड़ी हसरत लिए निकलते हैं होली खेलने। उन की हसरत कई साल से पूरी न हो पा रही है। बस एक वादा लिए लौट...
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रविवार, 28 फ़रवरी 2010
पहेली!
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क ल मैं ने एक चित्र आप को यहाँ दिखाया था और पूछा था आप बताएंगे यह क्या है? जवाब समीर लाल जी ने देना आरंभ किया बेर है, फिर किसी ने उसे देख स...
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