जवाब समीर लाल जी ने देना आरंभ किया बेर है, फिर किसी ने उसे देख सेब की याद आई किसी ने उसे आड़ू और गूलर भी बताया। पर बिलकुल सही उत्तर दिया अभय तिवारी जी ने। वे कहते हैं ....
ये बरगद का फल/ फूल है। बरगद फ़िकस या फ़िग परिवार का पेड़ है जिसमें फूल ही फल होता है। इस परिवार के दूसरे पेड़ हैं - पीपल, पाकड़ और गूलर। गूलर के बारे में कहावत है - तू त गुलेरवा के फूल हो गयल! क्योंकि गूलर का फूल कभी दिखता ही नहीं.. असल में दिखता खूब है लेकिन उसे फूल नहीं फल मानते हैं लोग।
ऐसे ही यह फल है दिखता फल है लेकिन असल में है फूल।मेरी आँख कहती है कि ये वही बरगद का फूल है।
यह भी खूब रही.,
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार होली शुभ हो.
बरगद छाँव के लिये मशहूर है, उसके फूलों को तो आपने ही दिखाया
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमैं ने नहीं देखे थे बरगद के फूल.
जवाब देंहटाएंआप को और आप के परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं !!
wah Abhay ji ko badhai.. is baat ki bhi ki paheli meri nazar me nahin padee.. :)
जवाब देंहटाएंइस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
ना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
इस बार.. ऐसा रंग लगाना...
(और आज पहली बार ब्लॉग पर बुला रहा हूँ.. शायद आपकी भी टांग खींची हो मैंने होली में..)
होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...
अभय जी को बधाई । सब को होली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंnice ! Happy holi....
जवाब देंहटाएंकल एक अंदाज़ा ऐसा ही कुछ मैंने भी लगाया था.इसे हम बड़ बोट या बड़ बोर कहते थे.
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएं.
बरगद जब फूलता है तो सुंदर दिखता है और जब वह फूटता है तो अनगिनित वरगदों को बीजता है. इस फल फूल के माध्यम से तो उपनिषद लेखकों ने बृहमांड का रहस्य बताया. आदर.
जवाब देंहटाएंविजेतओ को ओर आप को बहुत बधाई, बचपन मे देखे थे बरगद के पेड ओर फ़ुल.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
आप ओर आप के परिवार को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाये और बधाई
बरगद के ये फल खाए भी जा सकते हैं पर ये छोटे-छोटे बीजों से भरे होते हैं
जवाब देंहटाएंलो जी हमको नही जिताया आपने? हमने भी बड के बडबंटे ही बताये थे. हमारी देशी भाषा मे बरगद को बड ही बोलते हैं...और यहां हमारे घर के पास एक सैकडों साल पुराना बड (बरगद) का पेड है...यह उसपर लदे ही रहते हैं.
जवाब देंहटाएंहोली की आपको घणी रामराम.
अरे ताऊ! आप भी कहाँ फेर में पड़ गए जीतने के। वैसे जीतना तो आप को ही था। पर आप का जवाब आया तब तक यह पोस्ट लिख कर शिड्यूल हो चुकी थी। हम भी भांग के तरंग में जा सोए। जब तक आप का उत्तर पढ़ते पोस्ट ही पब्लिश हो गई।
जवाब देंहटाएंपर मुझे लगता है हम आसपास की चीजों को ही भूलते जा रहे हैं।
वाह बरगद के फूल का चित्र भी कितना सुन्दर है । बधाई ।
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