अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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मंगलवार, 30 जून 2009
कुछ तो ग़ैरत खाइये
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कहीं बरसात हुई है, कहीं उस का इन्तज़ार है। इधऱ मेरे यार, पुरुषोत्तम 'यक़ीन' ने शेरों की बरसात करते हुए एक ग़ज़ल कही है ..... आप इस...
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सोमवार, 29 जून 2009
बेरोजगारी से लड़ने का उद्यम ....... पर "समय" की टिप्पणी
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कल के आलेख बेरोजगारी से लड़ने का उद्यम कौन करेगा? में मैं ने बताने की कोशिश की थी कि एक ओर लोग सेवाओं के लिए परेशान हैं और दूसरी ओर बेरोजगा...
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शनिवार, 27 जून 2009
बेरोजगारी से लड़ने का उद्यम कौन करेगा?
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पिछले आलेख में मैं ने चार-चार बच्चों वाली औरतों और लाल बत्ती पर कपड़ा मारने का नाटक कर के भीख मांगने वाले बच्चों का उल्लेख किया था। अनेक ...
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शुक्रवार, 26 जून 2009
चार-चार बच्चों वाली औरतें
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अदालत से वापस आते समय लालबत्ती पर कार रुकी तो नौ-दस वर्ष की उम्र का एक लड़का आया और विंड स्क्रीन पर कपड़ा घुमा कर उसे साफ करने का अभिनय करन...
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गुरुवार, 25 जून 2009
जीन्स, टॉप, ड्रेस कोड और महिलाओं की सोच
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समय का पहिया कैसे घूमता है इस का नमूना हमने पिछले दिनों देखा गया जब उत्तर प्रदेश में ड्रेस कोड का हंगामा बरपा होता रहा। कानपुर जिले मे...
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मंगलवार, 23 जून 2009
संक्रमण, लालगढ़ और.... चलिए छोड़िए, आप तो गाना सुनिए....
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प्रदूषित जल कोटा जैसे नगर में भी अब भी एक समस्या बना हुआ है। आजादी के पहले भी कोटा में पूरे नगर को नलों के माध्यम से चौबीसों घंटे जल का वि...
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रविवार, 21 जून 2009
"टापू में आग" एक लघुकथा
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'लघुकथा' टापू में आग दिनेशराय द्विवेदी साधु की झोपड़ी नदी के बीच उभरे वृक्ष, लताओं और रंग बिरंगे फूलों से युक्त हरे-भरे ट...
18 टिप्पणियां:
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