अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
पेज
(यहां ले जाएं ...)
Home
▼
सोमवार, 26 जनवरी 2009
अधूरा है गणतंत्र हमारा
›
भारत को गणतंत्र बनाने का संकल्प लिए साठ वर्ष पूरे होने को हैं। संविधान को लागू होने का साठवाँ साल चल रहा है। इस अवसर को स्मरण करने के ...
19 टिप्पणियां:
रविवार, 25 जनवरी 2009
वह, पति कब था
›
दिनेशराय द्विवेदी वह, पति कब था? उस ने सिर्फ हथिया लिया था कब्जा/स्वामित्व मेरे शरीर पर मैं समझी थी कम से कम मकान और जमीन की तरह...
12 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 23 जनवरी 2009
जरूरी सरकारी कर्तव्यों में बाधा के चक्कर
›
कल जब मैं जिला न्यायालय से सड़क पार कलेक्ट्री परिसर में उपभोक्ता मंच की ओर जा रहा था तो रास्ते में टैगोर हॉल के बाहर पुराने स्कूल के जमाने क...
14 टिप्पणियां:
गुरुवार, 22 जनवरी 2009
कविता आगे पढ़ी तो कवि सम्मेलन यहीं समाप्त
›
कोई तीस-बत्तीस बरस पहले की बात है। मेरे पितृ-नगर बाराँ में मुख्य चौराहे पर कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था। सड़क रोक दी गई थी। कोई चार हजा...
21 टिप्पणियां:
बुधवार, 21 जनवरी 2009
बाज़ार पर निगरानी न रखी जाए तो वह बेकाबू हो सकता है
›
"पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के बारे में बहस का यह न तो समय है, न ही गुंजाइश. लेकिन मौजूदा संकट से हमने सीखा है कि अगर बाज...
12 टिप्पणियां:
मंगलवार, 20 जनवरी 2009
होटल में बाघ या बाघ के घर इंसान
›
पत्रिका की खबर है, राजस्थान के एक गांव शेरपुर के निकट के एक होटल में घुस आया। अफरा-तफरी मच गई। वह रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की दीवार फांद...
21 टिप्पणियां:
सोमवार, 19 जनवरी 2009
चुनाव बार के, बदलती धारणाएँ और परिणाम
›
हमारी बार (अभिभाषक परिषद) के चुनाव हर साल होते हैं। दस वर्ष पहले तक स्थिति यह थी कि कोई वरिष्ठ वकील जिस की एक वकील के रूप में अच्छी प्रतिष्...
6 टिप्पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें