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सोमवार, 26 जनवरी 2009

अधूरा है गणतंत्र हमारा

 
 
भारत को गणतंत्र बनाने का संकल्प लिए साठ वर्ष पूरे होने को हैं।  संविधान को लागू होने का साठवाँ साल चल रहा है।  इस अवसर को स्मरण करने के लिए हम यहाँ प्रस्तुत संविधान की उद्देशिका के पाठ को दुबारा पढ़ सकते हैं।

हम ने तय किया था कि हम भारत को एक ऐसा संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाएंगे जिस में सभी को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय प्राप्त होगा, जिस में विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता होगी, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त होगी।

हमें विचार करना है कि क्या हम अपने इस संकल्प को पूरा कर पाए हैं?  कोई भी सुधि व्यक्ति नहीं कह सकता है कि हम अपने उस संकल्प को पूरा कर पाए हैं।   हम सोच सकते हैं कि उनसठ वर्षों  की इस लम्बी अवधि के बाद भी हम ऐसा क्यों नहीं कर सके।  हम यह भी विचार कर सकते हैं कि क्या हमारा देश आज उस संकल्प की दिशा में आगे बढ़ रहा है।  यदि बढ़ रहा है तो उस की गति तीव्र है या मंद?  गति मंद है तो उस के कारक क्या हैं।  हम संकल्प को पूरा करने में जो कारक हैं उन को चीन्ह सकते हैं।  उन को हटा सकते हैं।  ऐसा कर के हम अपने संकल्प को पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।

हम विचार करें, और अपने आस पास यथाशक्ति इस संकल्प को पूरा करने के लिए काम करें।  जितना अधिक हम कर सकते हैं।
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सभी को गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएँ
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मैं आज शाम से अपने कुछ निजि कार्यों के संबंध में कोटा से बाहर जा रहा हूँ, और शायद अगले दस दिनों तक कोटा से बाहर रहूँगा।  इस बीच अनवरत और तीसरा खंबा के पाठकों से दूर रहने का अभाव खलता रहेगा।  इस बीच संभव हुआ तो आप से रूबरू होने का प्रयत्न करूंगा।  कुछ आलेख सूचीबद्ध करने का प्रयत्न है।  यदि हो सका तो वे आप को पढ़ने को मिलते रहेंगे।

19 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर लेख, ओर बहुत सही लिखा आप ने.

    आप को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं !!
    आप की यात्रा शुभ हो .
    धन्यवाद

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  2. ये सफर बहुत है कठिन मगर, न निराश हो... (एक फ़िल्म गीत से साभार)
    गणतंत्र दिवस की बधाई!

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  3. Aapki yatra sukad rahe -
    Gantantra diwas ki shubh kaamna
    aur Angrezi mei tippani ker rahee hoon ...uske liye agrim kshama.

    Bharat Varsh sukhee , samrudhdh ho
    ker nirantar, vikas karta rahe ...

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  4. प्रस्तुति के लिए आभार

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित

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  5. सुंदर| आप को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं !!

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  6. यात्रा सुखद और फलदायी हो ! अग्रज गणतंत्र की आपको भी शुभकामनाएं !

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  7. बहुत सही लिखा आपने, आपको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

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  8. बेहतरीन विचारणीय पोस्ट-निश्चित ही यथा संभव प्रयास करेंगे.

    आपकी यात्रा मंगलमय हो. हम इन्तजार करते मिलेंगे आपकी वापसी पर.

    आपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  9. गणतंत्र दिवस पर आईए एक बेहतर लोकतंत्र की स्थापना में अपना योगदान दें...जय हो..

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  10. सुन्दर लेख.

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऎं......

    रामराम.

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  11. गणतन्त्र-दिवस की मंगलकामनाएं।

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  12. जिसके पास जो जिम्मेवारी है वह उसको सही ढंग से निभाये तभी अच्छा है ..सही लिखा है आपने ...गणतन्त्र दिवस की बधाई

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  13. बहुत सुंदर.... गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं...!

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  14. बिल्कुल सही कहा है
    आप को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

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  15. बहुत सही लिखा आपने, आपको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

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  16. ये हम ही हैं जिन्‍होंने यह सब नहीं किया। ये हम ही हैं जो यह सब करेंगे।
    जिस प्रकार 'बीिमा आग्रह की विषय वस्‍तु है' उसी प्रकार अपनी जिम्‍मेदारियां निभाना भी अब आग्रह की विषय वस्‍तु बन कर रह गया लगता है।
    शुरुआत तो खुद से ही करनी पडेगी।

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  17. गणतन्त्र दिवस मंगलमय हो और यात्रा भी!

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  18. आदरणीय सर, जल्द-अस-जल्द वापस आइएगा। आपको मिस करेगा ब्ला॓गजगत उतने दिन। संविधान पर आपका यह लेख आज जन जन की भावनाओं में है, मगर विडम्बना ये कि आमूल चूल परिवर्तन अति आवश्यक होने के बाद भी कोई उम्मीद नहीं।
    काश ! कोई सकारात्मक क्रांति हो।

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  19. आपने सही कहा ,हम भारतियों ने अपने देश को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनने की शपथ तो ले ली ,लेकिन आज भी ऐसा नही कर पाए हैं ,पता नही हम जो कोशिश कर आहे हैं (या कह रहे हैं की कोशिश कर रहे हैं )वह कितनी फलीभूत होगी,बहुत जरुरी हैं, सभी भारतीयों को एकत्र होकर देश को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए punh : दृढ़ संकल्प होना होगा

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कैसा लगा आलेख? अच्छा या बुरा? मन को प्रफुल्लता मिली या आया क्रोध?
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