अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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बुधवार, 30 अप्रैल 2008
जरुरत है चिट्ठाकारों की कमाई का जरिया चिट्ठाकारी में ही तलाशने की
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विगत आलेख के अंत में मै ने एक प्रश्न आप के सामने रखा था- क्या चिट्ठाकारों को प्रोफेशनल नहीं होना चाहिए? भाई अनूप सुकुल जी ने कहा वे उत्तर क...
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सोमवार, 28 अप्रैल 2008
क्या चिट्ठाकारों को प्रोफेशनल नहीं होना चाहिए?
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मैं ने चिटठाकार समूह पर एक सवाल छोड़ा था। प्रोफेशनलिज्म के लिए हिन्दी शब्द क्या हो सकता है? जवाब भी खूब मिले। व्यवसायिकता इस के लिए सही शब्...
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शुक्रवार, 25 अप्रैल 2008
गेम "कैसे बनें सफल व्यापारी"
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मैं ने 1978 में वकालत शुरु की। साल भर कुछ भी नहीं कमाया। केवल काम की धुन सवार थी। सोचते थे, काम करो, तो नाम होगा। नाम होगा, तो काम भी मिलेगा...
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गुरुवार, 24 अप्रैल 2008
क्यो न कमाएँ? चिट्ठाकार अपने हिन्दी चिट्ठे से
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मैं जब हिन्दी चिट्ठे पढ़ता हूँ तो मुझे लगता है कि कुछ लोग इस बात से परेशान हैं, कि कुछ हिन्दी चिट्ठे अपने चिट्ठाकारों के लिए रुपया या डॉलर ज...
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मंगलवार, 15 अप्रैल 2008
सब बातें छोड़ कर सोचिए पहले खाने के बारे में
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आज से राजस्थान में अदालतें सुबह की हो गईं हैं जो 30 जून तक रहेंगी। अब सुबह सात से साढ़े बारह की अदालत है। लेकिन परिवार न्यायालय, श्रम न्याया...
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शनिवार, 12 अप्रैल 2008
कहाँ फँसा दिया? ज्ञान जी! शुद्ध-अशुद्ध 'हटमल' के चक्कर में
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कहाँ फँसा दिया? हम भी जा पहुँचे ज्ञान जी के बताए रास्ते से शुद्धता जँचवाने शुद्धता जांचक साइट पर, और लौट कर बुद्धू घर आ गए। हमें ये शुद्ध...
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बुधवार, 9 अप्रैल 2008
'भँवर म्हाने पूजण दो गणगौर'
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वसंत ऋतु में प्रिया और प्रियतम का संग मिले तो कोई भी साथ को पल भर के लिए भी नहीं छोड़ना चाहता है। राजस्थान में वसंत के बीतते ही भयंकर ग्रीष...
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