अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 29 फ़रवरी 2008
गंदगी को मत हटाओ जिससे पता लगता रहे कि उसका उद्गम क्या है
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गंदगी को आप हटाते रहें, और गंदगी करनेवाला गंदगी करता रहे। यह कब तक चलता रहेगा। आख़िर गंदगी करने वाले के बारे मैं सबको पता लगना चाहिए कि कौ...
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भड़ास को ब्लॉगर ने हटाया
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भड़ास को ब्लॉगर द्वारा हटाया जा चुका है। इस पर बात करना बंद करें। मैंने अभी देखा की कुछ और ब्लोग्स को ब्लॉगर से हटा देने का आव्हान किया गया ह...
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मंगलवार, 26 फ़रवरी 2008
आफ्टर लंच आन्ट्रॅप्रॅनर (Entrepreneur)
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एक ही कैन्टीन हुआ करता था, अदालत परिसर के मेन गेट के पास के कोने में। टीन की दीवारें और टीन की ही छत। अदालत का विस्तार हुआ तो साथ ही सौंदर्य...
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सोमवार, 25 फ़रवरी 2008
कॉपीराइट को न जानना आप को कैद की सजा तक पहुँचा सकता है
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इन दिनों हिन्दी ब्लॉगिंग में कॉपीराइट का चर्चा रहा। एक-दो चिट्ठाकार साथियों से बातचीत से ऐसा अनुभव हुआ कि अधिकांश चिट्ठाकारों को कॉपीराइट का...
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शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2008
लड़कियां क्यों उपलब्ध स्पेस का उपयोग नहीं करतीं?
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आज हमें एक विवाह संगीत में जाना पड़ा। पहले विवाहों के समय एक एक हफ्ते तक महिलाओं का संगीत चलता रहता था। अब वह सब एक समारोह में सिमट गय़ा है। ...
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गुरुवार, 21 फ़रवरी 2008
वह थी औरत (दूध मां का)
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मु झे मेरे एक मित्र ने ही इस घटना का ब्यौरा दिया था। मस्तिष्क के किसी कोने में पड़े रहने के कारण हो सकता है इस में कुछ उलट फेर हो गया हो। ले...
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बुधवार, 20 फ़रवरी 2008
भाषा का संस्कार (पानी देना)
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"पानी देना " आज कहीं भी यह वाक्य सुन ने को मिल जाता है। बचपन में एक बार भोजन करते समय तेज मिर्च लगने पर मैं एकाएक कह बैठा -अम्माँ,...
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