अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 22 जून 2012
कचरा दरोगा सप्लाई ठेका
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लो ग कहते हैं। देश कचरे से परेशान है। जिधर जाओ कचरा दिखाई देता है। कोई स्थान इस से अछूता नहीं है। मियाँ जी बेड रूम में लेटे लेटे टीवी दे...
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सोमवार, 18 जून 2012
हमें का हानि?
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बा बूलाल फिटर बिना नागा रोज सुबह साढ़े नौ बजे राधे की पान की दुकान पर पहुँच जाता है। तब पान की दुकान खुली ही होती है। वह पान की ...
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शनिवार, 16 जून 2012
एक चिट्ठी सिम्पल अंकल के नाम
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सिम्पल अंकल, सादर प्रणाम! आ खिर आप ने पहली बार भारतवर्ष के विद्यार्थियों का दर्द समझा है। हम ...
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शनिवार, 2 जून 2012
शिखंडी! गलत जवाब है
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ग लत, गलत, बिलकुल गलत जवाब है! ब च्चे¡ तुम ने सवाल का उत्तर गलत दिया है। चाहते हुए भी तुम्हें नम्बर नहीं दे सकता। तुम्हारे लिए मेरे पास...
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गुरुवार, 31 मई 2012
जनतंत्र का अव्वल नियम
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आ ज कल हर कोई डेमोक्रेसी, मतलब जनतंत्र के हाथ धो कर पीछे पड़ा रहता है। जैसे जनतंत्र न हुआ एवरेस्ट की चुटिया हो गया, जिस पर चढ़ना ब...
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मंगलवार, 29 मई 2012
पेट्रोल की साढ़े साती
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भा रत की जनता को जब जब भी चुनाव से निजात मिलती है, वह अपनी हालत के बारे में सोचने लगती है। जब जनता सोच...
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शुक्रवार, 25 मई 2012
थमा हुआ इंकलाब
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वि चित्र दृश्य हैं। रुपया गिर रहा है, लगातार गिर रहा है। कब तक गिरेगा? किसी को पता नहीं है। प्रणब दा कहते हैं कि उधर यूरोप में कि...
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