अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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रविवार, 28 फ़रवरी 2010
होली के पहले की एक रंगभरी शाम
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आ ज मिलादुन्नबी का त्यौहार था। बहुतों के साथ ही मेरे लिए भी होली के पहले एक दिन और अवकाश का। इस्लाम के अनुयायियों के लिए उतना ही बड़ा दिन जि...
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शनिवार, 27 फ़रवरी 2010
पहेली!
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हो ली का अवसर है। इन दिनों हरे रंग का पार्श्व हो और सुर्ख लाल रंग ऊपर चमकता हो बहुत सुंदर लगता है। कल ऐसे ही कुछ चित्र लेने का अवसर मिला। उ...
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आपाधापी-अवरोध और हॉर्न
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दो दिनों से कुछ भी लिखने को मन नहीं किया। होली सर पर आ गई और दोनों बच्चे घर में नहीं। मन कुछ तो उदास होना ही था। पूर्वा बिटिया आ रही है यह स...
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बुधवार, 24 फ़रवरी 2010
न जाने कब हूर मिलेगी?
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'कहानी' न जाने कब हूर मिलेगी? अ दालत के जज साहब पूरे सप्ताह अवकाश पर हैं। रीडर साहब की मेज पर पड़ी आज की दैनिक मुकदमा सूची गवाह...
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जल्दी की तारीख अदालत के स्टॉक में नहीं
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मे रे यहाँ कोटा में वकीलों की चार माह तक चली हड़ताल समाप्त हुए डेढ़ माह से ऊपर हो चला है। अदालतें अब पूरी शक्ति से काम करने लगी हैं। अपने नि...
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सोमवार, 22 फ़रवरी 2010
हुकुम! मुझे ईनाम नहीं मिलेगा?
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क ल जयपुर यात्रा हुई। मुझे और बार कौंसिल सदस्य और पूर्व अध्यक्ष महेश गुप्ता जी दोनों को जाना था। तय हुआ कि जबलपुर जयपुर दयोदय एक्सप्रेस पकड़...
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रविवार, 21 फ़रवरी 2010
नहीं सुन पाए राकेश मूथा की कविता
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उ द्यान में मेरे पास ही बैठे संजय व्यास ने मुझे प्रभावित किया। एक दम सौम्य मूर्ति दिखाई पड़ रहे थे वे। वे पूरी बैठक में कम बोले लेकिन जितना ...
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