अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 31 जुलाई 2009
मूल साँख्य के चौबीस तत्व
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मूल साँख्य को जानने के लिए हमने अपना आरंभ बिन्दु शंकर और रामानुज द्वारा ब्रह्मसूत्र की व्याख्या करते हुए की गई साँख्य की आलोचना को चुना था। ...
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बुधवार, 29 जुलाई 2009
प्रकृति के तीन गुण सत्, रजस और तमस् क्या हैं?
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गुण शब्द से हमें किसी एक पदार्थ की प्रतीति न हो कर, उस गुण को धारण करने वाले अनेक पदार्थों की एक साथ प्रतीति होती है। जैसे खारा कह देने से ...
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मंगलवार, 28 जुलाई 2009
प्रकृति के तीन गुण सत्, रजस और तमस में असमानता से बुद्धि और अहंकार का विकास
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सांख्य का मूल वैदिक साहित्य, उपनिषदों से ही आरंभ हो जाता है। बौद्ध ग्रंथों में उस के उल्लेख से उस की प्राचीनता की पुष्टि होती है, उस पर ईसा...
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रविवार, 26 जुलाई 2009
कैसे जानें? मूल साँख्य
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अनवरत के आलेख कहाँ से आते हैं? विचार! में साँख्य दर्शन का उल्लेख हुआ था। तब मुझ से यह अपेक्षा की गई थी कि मैं साँख्य के बारे में कुछ लिखू...
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बुधवार, 22 जुलाई 2009
हम भी देखेंगे एनडीटीवी
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अस्वस्थता में वकालत के दायित्वों के कारण मेरा भुर्ता बना हुआ है। पर मुई बिलागिरी खींच ही लाती है। ज्यादा पोस्टें पढ़ ही नहीं पा रहे तो टिप...
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मंगलवार, 21 जुलाई 2009
वर्जनाएँ अब नहीं -गीत * महेन्द्र 'नेह'
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तनाव तो था काम का, पर जुकाम होने की गाज गिरी आइस्क्रीम पर जो रविवार एक मित्र के सम्मान समारोह में खाई गई थी। उसी जुकाम में कल काम करना पड...
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रविवार, 19 जुलाई 2009
हाथी को ओवरटेक करने का नतीजा
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इस सप्ताह रोजमर्रा कामों के साथ कुछ काम अचानक टपक पड़े, बहुत व्यस्तता रही। अपना कोई भी चिट्ठा ठीक से लिखने का काम नहीं हो सका। तीसरा खंबा ...
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