अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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बुधवार, 17 जून 2009
कहाँ से आते हैं? विचार!
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सांख्य विश्व की सब से प्राचीन दार्शनिक प्रणाली है। हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि वह हमारे देश में पैदा हुई और हम उस के वारिस हैं। किन्...
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मंगलवार, 16 जून 2009
'कविता' प्यास
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प्यास दिनेशराय द्विवेदी असीम है जीवन उस की संभावनाएँ भी हम चाहते हैं पूरा मिलता है बहुत कम शायद असीम का करोड़, करोड........करोडवाँ...
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रविवार, 14 जून 2009
ज़िन्दगी यूँ ही गुज़र जाए ज़रूरी है क्या : पुरुषोत्तम 'यक़ीन' की ग़ज़ल
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रविवार के अवकाश में आनंद लीजिए पुरुषोत्तम 'यक़ीन' की एक ग़ज़ल का ज़िन्दगी यूँ ही गुज़र जाए ज़रूरी है क्या पुरुषोत्तम 'यक...
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शुक्रवार, 12 जून 2009
रोशनी जो चराग़ रखता है
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पुरुषोत्तम 'यक़ीन' मेरे एक दोस्त ही नहीं, दिल के करीबी भी हैं। उन की बहुत ग़ज़लें अनवरत पर मैं ने पेश की हैं। कभी उन का चित्र और ...
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बुधवार, 10 जून 2009
उद्यम भी श्रम ही है
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उद्यमैनेव सिध्यन्ति कार्याणि, न मनोरथै। नहि सुप्तस्य सिंहस्य: प्रविशन्ति मुखे मृगा:॥ हिन्दी के सक्रियतम ब्लागर (चिट्ठा जगत रेंक) श्री ज...
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मंगलवार, 9 जून 2009
जुगाड़ स्कूल -बस और शादी से वापसी
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राजस्थान के कोटा संभाग के बाराँ जिले का कस्बा अंता है जहाँ के हाट के चित्र आप ने कल देखे। राष्ट्रीय राजमार्ग 76 पर कोटा से बाराँ-शिवपुरी ...
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सोमवार, 8 जून 2009
विवाह का मंडल, दोपहर का भोजन और साप्ताहिक हाट बाजार
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घर से निकलते निकलते ग्यारह बज गए। रास्ते में पेट्रोल लिया, टायरों में हवा पूरी ली और चल दिए। कुल पचपन किलोमीटर, पौन घंटे में पहुँच लिए। ब्...
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