अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शनिवार, 8 जनवरी 2011
कहाँ से मिल गई हम को ये बिजलियों की सिफ़त
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ग र्वीले अतीत की सब लोग बात करते हैं। लेकिन अपने अतीत के गौरव की बात करते समय हमें इस बात पर तनिक भी लज्जा नहीं आती कि वे भी हम ही थे, जिन्ह...
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मंगलवार, 28 दिसंबर 2010
अपनी गरदन पे खंजर चला तो चला
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श कूर 'अनवर' न केवल एक अज़ीम शायर हैं, बल्कि शहर में अदब और तहज़ीबी एकता के लिए काम करने में उन का कोई सानी नहीं। हर अदबी कार्यक्र...
15 टिप्पणियां:
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