अनवरत
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रविवार, 24 अप्रैल 2016
ये हवा, ये सूरज, ये समन्दर, ये बरसात क्या करे?
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ह मारे गाँवों में बस्ती के नजदीक खलिहान होते थे। फसल काट कर लाने और तैयार करने के वक्त सिवा यही खलिहान दूसरे दूसरे कामों में आते थे...
मंगलवार, 27 जुलाई 2010
‘एक चिड़िया के हाथों कत्ल हुआ, बाज से तंग आ गई होगी’
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आ ज सुबह 7.07 बजे सावन का महिना आरंभ हो गया। सुबह सुबह इतनी उमस थी कि जैसे ही कूलर की हवा छोड़ी कि पसीने में नहा गए। लगा आज तो बारिश हो कर र...
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शनिवार, 4 जुलाई 2009
आखिर मौसम बदल गया, चातुर्मास आरंभ हुआ
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मानसून जब भी आता है तो किसी मंत्री की तरह तशरीफ लाता है। पहले उस के अग्रदूत आते हैं और छिड़काव कर जाते हैं। उस से सारा मौसम ऐसे खदबदाने लग...
17 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 26 जून 2009
चार-चार बच्चों वाली औरतें
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अदालत से वापस आते समय लालबत्ती पर कार रुकी तो नौ-दस वर्ष की उम्र का एक लड़का आया और विंड स्क्रीन पर कपड़ा घुमा कर उसे साफ करने का अभिनय करन...
18 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 20 मार्च 2009
बदलता मौसम, किसान और मेरी उदासी
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शीतकाल सारी सर्दी हलके गर्म पानी का इस्तेमाल किया स्नान के लिए। होली पर रंगे पुते दोपहर बाद 3 बजे बाथरूम में घुसे तो सोचा पानी गर्म लें ...
15 टिप्पणियां:
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