अनवरत

क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!

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मंगलवार, 14 अक्टूबर 2008

सुंदर कितना लगता है, पूनम का ये चांद,? शहर से बाहर आओ तो .......

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स्मृति और विस्मृति पल पल आती है, और चली जाती हैं। कल तक स्मरण था। आज काम में विस्मृत हो गया। पूरा एक दिन बीच में से गायब हो गया। दिन में अदा...
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दिनेशराय द्विवेदी
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