जून 18, 2010 को ब्लागवाणी अचानक तंद्रा में चली गई। बहुत हंगामा हुआ, लोगों ने तरह-तरह के सुझाव दिए कि किसी भी तरह ब्लागवाणी की तंद्रा टूटे और वह वापस सजग हो मैदान में आ जाए। लेकिन छह माह से अधिक समय हो चुका है, अभी तक ब्लागवाणी तंद्रा में है। फिर दिसम्बर 2010 के अंत तक चिट्ठाजगत ने बिना कुछ कहे विदाई ले ली। इस बार बहुत हो हल्ला नहीं हुआ। लेकिन अचानक दो सब से महत्वपूर्ण संकलकों की अनुपस्थिति इन दिनों ब्लागर बहुत शिद्दत के साथ महसूस कर रहे हैं। प्रतिदिन ही कहीं न कहीं यह बात सामने आती है कि एक अच्छा संकलक होना चाहिए। हालाँकि ब्लागवाणी अभी जहाँ रुकी थी वहाँ अभी भी नजर आती है और इस पर सदस्य लोगिन भी हो रहा है। कभी भी इस की तंद्रा टूट सकती है।
संकलक की इस कमी को पूरा करने के लिए पहले तो हिन्दी ब्लाग जगत सामने आया। यह ब्लागस्पॉट की कुछ सुविधाओं का उपयोग कर बनाया गया एक संकलक जैसा ब्लाग है। इस के कुछ दिन बाद ही जर्मनी के लोकप्रिय ब्लागर राज भाटिया जी ब्लाग परिवार नाम से हिन्दी ब्लाग जगत जैसा ही एक ब्लाग ले कर सामने आए। अब राज भाटिया जी चाहते हैं कि वे एक एग्रीगेटर बनाना चाहते हैं, लेकिन उन के पास तकनीकी जानकारी की कमी है। उन्हें कोई तकनीकी सहयोग करे तो वे एक ऐसा संकलक लाना चाहते हैं जिस का अपना खुद का डोमेन हो, जिस के बारे में उन का आश्वासन है कि वह उन के जीतेजी बन्द नहीं होगा। राज जी बहुत बड़ा काम हाथ में ले रहे हैं। मैं विश्वास करता हूँ कि वे इस काम को करने में सफल हो सकेंगे और हिन्दी ब्लाग जगत को एक अच्छा संकलक मिल जाएगा।
लेकिन ऐसा भी नहीं है कि एक अच्छा संकलक मौजूद ही न हो। ब्लागवाणी बन्द होने के उपरांत कुछ हिन्दी ब्लागरों के प्रयास से ही हमारी-वाणी आरंभ हुआ और वह बहुत अच्छे तरीके से काम करते हुए अधिकांश उन आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है जिन की पूर्ति ये दोनों महत्वपूर्ण संकलक कर रहे थे। यह संकलक इस के विकास के लिए लगातार सुझाव भी आमंत्रित कर रहा है। यदि किसी ब्लॉगर को कोई कमी इस में दिखाई देती है तो वह सुझाव दे सकता है। इन सुझावों के आधार पर इस का विकास होता रहे तो हमारी-वाणी एक संपूर्ण हिन्दी/भारतीय संकलक का स्थान ले सकता है। अभी इस संकलक के लिंक 'ताजा ताजा ' ताजा पोस्टें विवरण सहित देखी जा सकती हैं। यदि कोई विवरण न देख कर ब्लागपोस्ट का शीर्षक ही देखना चाहे तो 'ताजा 100 ' लिंक पर जा कर देख सकता है। इस के अतिरिक्त ब्लागर 'मेरा पन्ना' लिंक पर जा कर स्वयं की प्रोफाइल देख सकता है तथा 'हमारे साथी' पर जा कर इस संकलक पर सदस्य ब्लागीरों की सूची देख सकता है। इस के अतिरिक्त इस संकलक पर अधिक 'पसंद' और ज्यादा पढ़े गए ब्लागों की सूची भी क्रमवार उपलब्ध है। एक विशेषता यह भी है कि यदि कोई ब्लागपोस्ट किसी समाचार पत्र में स्थान पाती है तो उसे अलग से दिखाया गया है, जैसे दैनिक जागरण में आज ही छपी तीसरा खंबा की पोस्ट के बारे में यहाँ सूचित किया गया है और लिंक को क्लिक करने पर 'ब्लाग इन मीडिया' की लिंक खुलती है। यही नहीं यहाँ नये जुड़े ब्लागों को अलग से सूची भी उपलब्ध है। इस तरह यह संकलक ब्लागीरों की अधिकांश आवश्यकताओं की पूर्ती करता है।
वर्तमान में यदि कोई कमी दिखाई देती है तो वह यह है कि इस संकलक पर कुल 892 ब्लाग के ही लिंक उपलब्ध हैं, अर्थात इन्हीं ब्लागों की पोस्टों की सूचनाएँ इस संकलक पर उपलब्ध हो पाती हैं। जब कि हिन्दी ब्लागों की संख्या इस से लगभग 12 गुना अधिक तक जा चुकी है। इस कमी को भी पूरा किया जा सकता है। इस के दो तरीके हैं, पहला तो यह कि स्वयं संकलक संचालक शेष हिन्दी ब्लागों को इस से जोड़ दें, दूसरा यह कि स्वयं ब्लाग संचालक अपने ब्लाग को इस संकलक पर पंजीकृत कराएँ। दूसरा मार्ग अधिक उचित प्रतीत होता है कि जो भी ब्लागीर अपने ब्लाग को इस संकलक पर दिखाना चाहता है, पहले स्वयं सदस्य बने और फिर ब्लाग को पंजीकृत कराए।
मेरी दृष्टि में 'हमारी वाणी' एक अच्छे संकलक की लगभग सभी जरूरतें पूरी करता है और हिन्दी ब्लागों के लिए बहुपयोगी संकलक है। जिन ब्लागीर साथियों ने अभी इस संकलक पर खुद को सदस्य नहीं बनाया है, तुरंत इसकी सदस्यता ग्रहण करें और अपने ब्लागों को इस पर पंजीकृत कराएँ।
जवाब देंहटाएंमैं आप से सहमत हूँ ...
हमारीवाणी काफी हद तक यह कमी दूर कर सकती है ! शुभकामनायें हमारीवाणी को !
परम आदरणीय सर। आपने कहा तो उचित ही है लेकिन अब शायद हम सभी को ख़ुद की तंद्रा तोड़ कर एक ऐसा एग्रीगेटर बना लेना चाहिए जो "अनवरत" हो। मैं और समीरलाल जी रोज़ इस विषय पर चर्चा कर ही रहें हैं इन दिनों जबलपुर में। भले दाम लग जावें, पर यदि एग्रीगेटर हम सब ब्लॉगर मिलजुल कर बना लेवें तो वह ज़्यादा कारगर सिद्ध होगा। आपकी क्या राय है ? ख़बर कीजिएगा।
जवाब देंहटाएंराज जी के सराहनीय प्रयास को शायद यह सबसे बड़ा समर्थन होगा।
जवाब देंहटाएंपोस्ट के लिए आभार, द्विवेदी जी,
जवाब देंहटाएंहमारीवाणी ठीक है पर यह तकनीकी रूप से सुदृढ़ नहीं है. ब्लौगर के अलावा भी कुछ ब्लौग सेवायें हैं जैसे वर्डप्रेस (मेरा प्रमुख ब्लौग वर्डप्रेस पर है) पर यह मेरे ब्लौग को बहुत मिन्नतें करने और बाद में खरी-खोटी सुनाने के बाद भी पंजीकृत नहीं कर सका क्योंकि इसकी तकनीक में ही वह फीचर नहीं है. इसके ज़रिये पहले वायरस या मैलवेयर की स्क्रिप्ट भी फ़ैल रही थी.
हमारीवाणी के बारे में जानकारी देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंहमारीवाणी भारतीय ब्लॉग लेखकों का अपना ब्लॉग संकलक है और और विश्वास दिलाते हैं कि इस प्रयास में हमेशा ही ब्लॉग लेखकों की भावनाओ के अनुरूप सुधार होते रहेंगे.
अभी ताज़ा चल रहे प्रयासनुसार हमारीवाणी जल्द ही हर ब्लॉग लेखक के लिए उसका अपना व्यक्तिगत ब्लॉग संकलक बनाने का अवसर प्रदान करने वाला है. इस प्रयास के अंतर्गत हमारीवाणी पर Follow का आइकन दिखाई दे रहा है, जिस पर क्लिक करके आप किसी भी ब्लॉग लेखक को फौलो कर सकते हैं. इसके उपरान्त आपके अपने ब्लॉग प्रष्ट (अपना पन्ना) पर फौलो किए गए ब्लॉग की ब्लॉग पोस्ट दिखाई देने लगती हैं. इस तरह से अपनी पसंद के ब्लॉग लेखक को फौलो करके हर कोई हमारीवाणी पर अपना स्वयं का ब्लॉग संकलक तैयार कर सकता है. अभी के लिए कुल फौलो किए गए ब्लॉग लेखकों की ताज़ा पांच पोस्ट दिखाई जा रही हैं, बहुत जल्द ही सभी पोस्ट प्रदर्शित होने लगेगी.
हां सर , सही कह रहे हैं वर्तमान में हमारीवाणी बहुत उपयोगी साबित हो रही है ..सभी ब्लॉगर्स को चाहिए कि वे निश्चित रूप से इसे मजबूत करें । हमारी वाणी टीम को भी नए प्रयोगों और प्रयासों को शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंbhaaijan aab to bvaal saahb ki baat maan hi daalo aek achchaa vishleshn kiya he . akhtr khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंनिशांत मिश्र जी,
जवाब देंहटाएंहमारीवाणी पर वर्डप्रेस ब्लॉग भी उसी तरह पंजीकृत होते हैं जैसे ब्लागस्पाट ब्लॉग. अन्य ब्लॉग संकलकों पर आ रही समस्याओं को देखते हुए हमारीवाणी ने सुरक्षा की दृष्टि से कुछ कदम उठाए थे, इसी कड़ी में हमने स्वत: अद्यतन कोड (Auto Update Code) को हटा लिया है, जिसके कारण पिछले माह वर्डप्रेस ब्लोग्स के अद्यतन में 15-20 दिन ही समस्या आई उसमें भी जिन ब्लॉग लेखकों ने हमें अपनी समस्या से अवगत कराया उनको अस्थाई कोड उपलब्ध करा दिया था. इस वर्ष के पहले दिन से सभी तरह के ब्लॉग के लिए एकीकृत क्लिक कोड बना लिया गया है, तथा साथ ही पुराना कोड भी उसी तरह काम करता रहेगा. आप लोगिन करके अपने ब्लॉग के लिए 'हमारीवाणी क्लिक कोड' प्राप्त कर सकते हैं.
किसी भी सदस्य को किसी भी तरह की समस्या / परेशानी का अनुभव होने पर हमारीवाणी टीम से किसी भी समय संपर्क किया जा सकता है. इसके लिए मुख्य प्रष्ट में सबसे नीचे बाईं और लिखे 'संपर्क करें' अथवा ऊपर की तरफ दाईं ओर लिखे 'आपकी राय' पर क्लिक करें.
आपके सुझावों / प्रश्न / शिकायत का हमेशा स्वागत है!
टीम हमारीवाणी
निशांत मिश्र जी
जवाब देंहटाएंअपने ब्लॉग की सभी ब्लॉग-पोस्ट देखने के लिए निम्नलिखित लिंक पर क्लिक करें.
http://hamarivani.com/blog_post.php?blog_id=895
टीम हमारीवाणी
हमारीवाणी बहुत उपयोगी साबित हो रही है ...
जवाब देंहटाएंअपसे सहमत हैं लेकिन ब्लागवाणी को फिर भी नही भूल पायेंगे। हमारी वाणी के लिये शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंहमारीवाणी पर पसंद पर क्लिक करें तो लागिन माँगता है लेकिन लागिन करके भी पसंद पर चटका नही लगता क्या इसके बारे मे कुछ बतायेंगे? धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंहमारीवाणी में डिस्प्ले की भी समस्या है - ऑपेरा ब्राउजर में यह सही नहीं दिखता.
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लिखा आप ने एग्रीगेटर जितने भी हो अच्छा हे, मेरी शुभकामनाऎ हमारीवाणी.कॉम को, मुश्किल के समय यही एक मात्र हम सब के लिये आगे आये, ओर इन का धन्यवाद भी हमे करना चाहिये.
जवाब देंहटाएंइसी के संग मै भी एक ऎसा ही एग्रीगेटर बनाना चाहता हुं, जेसा कि मैने पहले ही कहा कि शुरुआत मैने कर दी अब मेरा साथ दे तो हम आगे बढ सकते हे, मेरे पास तकनीक ग्याण कम हे इस बारे, ओर मुझे कोई एग्रीगेटर टेपलेट नही मिल रहा जो मनपसंद का हो, जो मिले हे वो पसंद नही, अगर कोई पेसे ले कर भी काम कर दे तो बात आगे बढ सकती हे, ओर यह एग्रीगेट्र मेरा नही हम सब का होगा, मै तो सिर्फ़ एक साधन मात्र होऊगां इसे बनाने ओर इस का व्यय का भार ऊठाने वाला, अगर चाहे तो हमारी बाणी वाले भी मेरी मदद कर सकते हे, सर्वर वगेरा यहां ले लुंगा ताकि ज्यादा लोड पडने पर भी किसी को दिक्कत ना आये.
आप का धन्यवाद
ब्लॉग परिवार , हिंदी ब्लॉग जगत , हमारी वाणी , ब्लॉग संकलक आदि पर ही निर्भर हूँ।
जवाब देंहटाएंबहुत शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंसहमत हूं !
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