दो हिन्दी चिट्ठों पराया देश और मुझे शिकायत है के चिट्ठाकार श्री राज भाटिया 29 मई की सुबह भारत से पुनः बेयर्न, जर्मनी अपने वर्तमान आवास पर पहुँच गए हैं। उन की दिली तमन्ना थी कि वे जब भी भारत आएँ जितना संभव हो सके अधिक से अधिक हिन्दी चिट्ठाकारों से मिलें। लेकिन यह नहीं हो सका।
दिनांक 15 मई को राज जी के पिता का स्वर्गवास हो जाने के कारण अनायास और तुरंत ही भारत आना पड़ा। वे 16 मई को सुबह ही भारत पहुँच गए थे। |
राज जी कुल तेरह दिनों तक भारत में अपनी माँ और अन्य परिजनों के साथ रहे। इस बीच वे नैट की दुनियाँ से दूर रहे। कल ही चैट सूची में उन की बत्ती हरी दिखाई देने पर उन से सम्पर्क हुआ। वे अपने पिता के निधन पर बहुत दुखी थे। वे उन से जीवित अवस्था में ही मिलना चाहते थे, लेकिन उन की यह इच्छा पूर्ण नहीं हो सकी।
मैं ने उन्हें अपने ब्लाग पर कुछ लिखने को कहा लेकिन वे अभी मन नहीं बना सके हैं। कहने लगे। 14 जून को उन के पिता का पहला मासिक श्राद्ध है। उस दिन घर में पूजा है। उसी दिन जर्मनी में उन के परिचित आदि, सब लोग पूजा पर उन के घर आएँगे। उसी के बाद वे अपने ब्लॉग पर आने का मन बना सकेंगे।
अपने पिता से उन की जीवित अवस्था में भेंट न कर पाने का दुखः क्या होता है? यह मैं समझ सकता हूँ।
मैं उन के पिता श्री को अपनी ओर से तथा समस्त हिन्दी चिट्ठाकार परिवार की और से श्रद्धाँजली अर्पित करता हूँ और कामना करता हूँ कि उन्हें और उन के परिजनों विशेष रूप से उन की माताजी को इस दुखः से बाहर आने की शक्ति प्राप्त हो। सभी हिन्दी चिट्ठाकार इस दुखः की घड़ी में राज जी के साथ हैं।
राज जी को उन के ई-मेल पते rajbhatia007@googlemail.com
पर संदेश प्रेषित किए जा सकते हैं।
माता-पिता कभी न कभी जायेंगे ही। पर मैं यह समझ नहीं पाता कि उनका वैक्यूम कैसे भरा जायेगा।
जवाब देंहटाएंराज जी न जाने कैसे वह रिक्तता सह रहे होंगे। ईश्वर उन्हें सम्बल दें।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे एवं भाटिया साहब तथा उनके परिवार को जल्द से जल्द इस शोक से उबरने की शक्ति प्रदान करे..
जवाब देंहटाएंRaj bhai sahab & Family,
जवाब देंहटाएंIn this hour of your greatest grief,
me & my family join you in prayers
for your Respected Father.
May dear Lord take him into HIS eternal light
& grant his soul an ever lasting peace.
Amen.
with sincere condolences,
Lavanya & Deepak Shah & family
from : USA
राज जी से मेरा e मेल पर संवाद हुआ था ...अभी उनकी मनोस्थिति समझी जा सकती है...
जवाब देंहटाएंईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति दे।
जवाब देंहटाएंजी पत्राचार हो चुका है.
जवाब देंहटाएंईश्वर उनके पिता जी आत्मा को शांति दे.
ओम शांति.
जवाब देंहटाएंउस परम पिता परमात्मा से यही प्रार्थना है कि वह राज जी के पिता की आत्मा को सद्गति प्रदान करे और राज जी के समस्त परिवार को यह सदमा सहने का धैर्य प्रदान करे। आमीन !!
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ओर दिनेश राय जी का भी बहुत बहुत धन्यवाद, सच मे आप सब मेरे दुख ओर सुख के साथी हे,अगले साल आप सब के दर्शन जरुर करुगां
जवाब देंहटाएंइस दुख की मनोदशा में मैं राज जी के साथ हूँ...और उनके पिता जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ...
जवाब देंहटाएंदिवंगत आत्मा को ईश्वर शान्ति प्रदान करें, तथा इस दु:ख के क्षण में भाटिया को अतुल्य छति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
जवाब देंहटाएंनैनं छिदंति शस्त्राणी, नैनं दहति पावक।
न चैनं क्लेदयां तापो, नैनं शोशयति मारूत।।
ईश्वर पिताजी की आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
जवाब देंहटाएंऔर भगवान से प्रार्थना करते है की राज जी और उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दे।
राज जी के पिता जी की आत्मा को भगवान शांती दे और राज जी को शक्ति कि इस दु:ख की घड़ी को सह सकें।
जवाब देंहटाएंOur heartfelt condolescences to Raj ji
Anita & Vinod
श्रद्धाँजली अर्पित करता हूँ और उनके पिता जी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ,
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