अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
पेज
(यहां ले जाएं ...)
Home
▼
शनिवार, 6 सितंबर 2025
भारतीय समाज में जाति, भाषा और राष्ट्रीयता का सवाल : दिनेशराय द्विवेदी
›
जोधपुर में हो रही आरएसएस की समन्वय बैठक में आरएसएस ने देश में जाति, भाषा, प्रांत और पंथ के नाम पर भेदभाव पैदा करने के षड्यंत्रों पर चिंता जत...
1 टिप्पणी:
सोमवार, 11 अगस्त 2025
नागरिकता की कसौटी पर लोकतंत्र: बिहार की मतदाता-सूची पर उठते सवाल
›
बिहार में चुनावी मौसम दस्तक दे चुका है , लेकिन इस बार चर्चा न तो घोषणापत्रों की है , न ही गठबंधनों की। इस बार बहस उस बुनियादी दस्तावेज़ पर ह...
शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024
एक उद्योगपति की मौत
›
एक खेत मजदूर अक्सर खेत मजदूर के घर या छोटे किसान के घर पैदा होता है, मजदूरी करना उसकी नियति है, वह वहीं काम करते हुए अभावों में जीवन जीता है...
शुक्रवार, 9 अगस्त 2024
भारत के संवैधानिक जनतंत्र और कानून के शासन के प्रति वकीलों का दायित्व
›
यह लेख त्रेमासिक पत्रिका "एक और अंतरीप" के अप्रेल-जून 2024 के न्यायपालिका पर केन्द्रित अंक में प्रकाशित हुआ है- -दिनेशराय...
शनिवार, 13 जुलाई 2024
सड़ांध
›
उसकी शादी हुई एक लड़के से, वह उसके साथ शादी मेंं पाँच महीने रही। वह काम पर था। इन पाँच महीनों में भी वह कितने दिन उसके साथ रहा। फिर वह जंग म...
1 टिप्पणी:
सोमवार, 11 मार्च 2024
जी.एन. साईबाबा को बरी किए जाने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इन्कार किया।
›
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 11 मार्च 2024 को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा और पांच अन्य को "भारत के खिलाफ युद...
मंगलवार, 16 जनवरी 2024
शीघ्र न्याय : एक दुःस्वप्न
›
संसद और विधानसभाएँ कानून बनाती रहती हैं। लेकिन जब उनका पालन नहीं होता तो साधारण चालानों का जिनमें लोग जुर्माना भर कर निजात पा लेते हैं हजार...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें