अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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शुक्रवार, 25 नवंबर 2016
नोटबंदी की काली छाहँ में
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वि वाह के समय मेरी उम्र 19 साल साढ़े आठ महीने थी। मैं बीएससी अन्तिम वर्ष की परीक्षा दे चुका था। विवाह से 37 दिन बाद ही आपातकाल आरंभ हो...
बुधवार, 23 नवंबर 2016
ये नौ
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महेन्द्र नेह भाई “महेन्द्र नेह” को ... उपहार समझ लें उन के 69वें जन्मदिन पर ... 1. तुम्हारा पैसा दे दें तुम्हें तो प...
सोमवार, 21 नवंबर 2016
सिकुड़न
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कविता ____________ दिनेशराय द्विवेदी अहा! वह सिकुड़ने लगा लोग उसे आश्चर्य से देख रहे हैं वे भी जो अब तक उसे सिर पर उठाए हु...
ईमान का उत्सव
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कविता __________ दिनेशराय द्विवेदी एक शाम उस ने कहा कि उसे वे रंग पसंद नहीं है आधी रात से ये रंग कानून से खारिज ...
शनिवार, 19 नवंबर 2016
अब की बार झूठी सरकार
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आ ज शनिवार है, अदालत में सिर्फ एक मुकदमा था। साथी के भरोसे छोड़ा और अदालत नहीं गया। मेरे पास नकदी सिर्फ दो-तीन सौ के आसपास रह गयी थी। सोच...
शुक्रवार, 18 नवंबर 2016
ईमानदारी का पर्व
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मु झे बहुत कम ही बैंक जाना पड़ता है। बैंक नोट भी मेरे पास अधिक नहीं रहते हैं। मुझे नहीं लगता कि मैं ज्यादा नोट संभाल सकता हूँ तो चार पाँ...
रविवार, 30 अक्टूबर 2016
दीपावली : मनुष्य के सामुहिक श्रम और मेधा की विजय और प्रकृति के साथ उस के सामंजस्य का त्यौहार
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अ नाजों में ज्वार और धान की फसलों में बीज पक चुके हैं। बस फसलों को काट कर तैयार कर घर लाने की तैयारी है। फसल घर आने के बाद लोगों क...
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