अनवरत
क्या बतलाएँ दुनिया वालो! क्या-क्या देखा है हमने ...!
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गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009
शिवराम ने साबित किया कि 'जनता का लेखक मूड का गुलाम नहीं होता'
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शिवराम की नाट्य पुस्तकों 'गटक चूरमा' और 'पुनर्नव' का लोकार्पण समारोह - एक रपट शिवराम के नाटक संग्रह 'गटक चूरमा...
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बुधवार, 30 सितंबर 2009
कौन सी काँग्रेस और कौन सी भाजपा?
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कल जब अदालत पहुँचने को ही था तो सरकिट हाउस के कोर्नर पर ही पुलिस वाला वाहनों को डायवर्ट करता नजर आया। आगे भीड़ जमा थी। मैं भीड़ तक पहुँचा ...
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सोमवार, 28 सितंबर 2009
कल को खु़र्शीद भी निकलेगा, सहर भी होगी
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वकीलों की हड़ताल का असर महसूस होने लगा है। काम पर मन जम नहीं रहा है। उस का असर अपने ब्लाग लेखन पर भी आया। अनवरत पर पिछले आठ दिनों में मात्...
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शनिवार, 26 सितंबर 2009
बुरे फँसे, वकील साहब!
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वकीलों की हड़ताल की खबर से पब्लिक को पता लगा कि वकील साहब फुरसत में हैं, तो हर कोई उस पर डकैती डालने को तैयार था। जिन मुवक्किलों को अब तक वक...
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गुरुवार, 24 सितंबर 2009
फुरसत पर डाका
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पिछले महीने की इकत्तीस तारीख से कोटा के वकील हड़ताल पर चल रहे हैं। हम भी साथ साथ हैं। रोज अदालत जाते हैं। वहाँ कोई काम नहीं, बस धरने पर बैठ...
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सोमवार, 21 सितंबर 2009
कुछ संवाद 'गटक चूरमा' नाटक से .....
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- अपने वो वकील साहब हैं न? - कौन? - अरे ! वो ही, जो 'तीसरा खंबा' पे कानूनी बात बतावत हैं, और 'अनवरत' पर भी न जाने क्या क...
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शनिवार, 19 सितंबर 2009
अपना मुख जन-गण की ओर -शिवराम
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आज शिवराम के नाटकों की दो पुस्तकों 'गटक चूरमा' (मूल्य 35 रुपए) और 'पुनर्नव' (मूल्य 50 रुपए) का लोकार्पण है। इन में सम्...
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